खुशखबरी: जेके कैंसर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की दिशा में पहला कदम, 24 साल बाद मिली है प्रस्ताव को मंजूरी

Kanpur News: जेके कैंसर इंस्टीट्यूट में आने वाले कैंसर के रोगियों की संख्या हर साल आठ से 10 फीसदी बढ़ जाती है। मंडल के जिलों के अलावा आसपास के जनपदों के रोगी यहां दिखाने के लिए आते हैं। सबसे अधिक संख्या मुख कैंसर के रोगियों की होती है।

First step towards making JK Cancer a Centre of Excellence, proposal approved after 24 years

कानपुर में जेके कैंसर इंस्टीट्यूट के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाने की दिशा में शुरुआत हो गई है। इंस्टीट्यूट के नर्सिंग विभाग में एमएससी आंको नर्सिंग की 10 सीटों को मंजूरी इस दिशा में पहला कदम है। अहम बात यह है कि 24 सालों से शासन को भेजे जा रहे प्रस्तावों में पहला प्रस्ताव पास हुआ है। इस दौरान 22 प्रस्ताव इंस्टीट्यूट स्तर पर भेजे गए थे।

प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के साथ ही यहां के लिए प्रोफेसर, एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद भी सृजित हो गए हैं। इंस्टीट्यूट के आंको सर्जरी, पैथोलॉजी, एनेस्थीसिया और रेडियोथेेरेपी विभाग के नए सिरे से गठन किए जाने के प्रस्ताव प्रक्रिया में हैं। इससे कैंसर रोगियों को विशेषज्ञता सर्जरी के साथ उच्चीकृत इलाज और सहूलियत मिलेगी।

प्रस्तावों को मंजूर किए जाने के लिए बैठक में लगाई थी मुहर
उनकी देखरेख कैंसर के लिए खासतौर पर प्रशिक्षित स्टॉफ करेगा। विधानसभा याचिका कमेटी की बैठक जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सभागार में 20 नवंबर 2023 में हुई थी। इसकी अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने की थी। इस मौके पर जेके कैंसर को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने की घोषणा की गई थी। आंको सर्जरी, पैथोलॉजी, ऐनेस्थेसिया, रेडियोथेरेपी और आंको नर्सिंग के प्रस्तावों को मंजूर किए जाने के लिए बैठक में भी मुहर लगाई थी।

हर साल 10 नए प्रशिक्षित आंको नर्सिंग स्टॉफ तैयार होंगे
इन प्रस्तावों को महानिदेशालय चिकित्सा शिक्षा ने इंस्टीट्यूट प्रबंधन से दोबारा मांगा था। इनमें से आंको नर्सिंग के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है। इन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों के पद भी सृजित कर दिए गए हैं। जेके कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एसएन प्रसाद ने बताया कि आंको नर्सिंग स्टाफ विशेषज्ञता का स्टाफ बढ़ेगा। इससे कैंसर रोगियों की देखरेख ढंग से हो सकेगी। हर साल 10 नए प्रशिक्षित आंको नर्सिंग स्टॉफ तैयार होंगे।

ऑपरेशन के लिए हैलट और लखनऊ रेफर करना पड़ता है
इंस्टीट्यूट के अलावा और भी अस्पतालों में इस विशेषज्ञता की नर्सिंग सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा अन्य प्रस्तावों के मंजूरी के बाद इंस्टीट्यूट में भी कैंसर रोगियों की सर्जरी शुरू हो जाएगी। अभी कैंसर रोगियों को ऑपरेशन के लिए हैलट और लखनऊ रेफर करना पड़ता है। आंको सर्जन ही रोगियों की सर्जरी करेंगे। इसके अलावा पैथोलॉजी के प्रस्ताव के पास होने से रोगियों की बायोप्सी और दूसरी जांचें हो जाएंगी। अभी बायोप्सी के लिए हैलट पैथोलॉजी भेजा जाता है।

हर साल 10 फीसदी बढ़ जाते कैंसर रोगी
जेके कैंसर इंस्टीट्यूट में आने वाले कैंसर के रोगियों की संख्या हर साल आठ से 10 फीसदी बढ़ जाती है। मंडल के जिलों के अलावा आसपास के जनपदों के रोगी यहां दिखाने के लिए आते हैं। सबसे अधिक संख्या मुख कैंसर के रोगियों की होती है। इसके बाद स्तन कैंसर की रोगी आते हैं। अन्य कैंसर के मामलों में गाल ब्लैडर, आंत के कैंसर के रोगियों की होती है।

यह भी मांगा प्रस्तावों में
जेके कैंसर इंस्टीट्यूट प्रबंधन ने आंको सर्जरी, पैथोलॉजी, एनेस्थीसिया और रेडियोथेरेपी के प्रस्तावों में विशेषज्ञों के पद सृजित किए जाने और उपकरणों की मांग की है। अभी इंस्टीट्यूट में एक भी आंको सर्जन नहीं है। इसके साथ ही विभागों का अलग से भवन भी बनाया जाएगा। रेडियोथेरेपी में नई लीनियर एक्सीलरेटर मशीन मांगी है। पहले लगी मशीनें पुरानी हो गई हैं। इसके साथ ही कैंसर की अत्याधुनिक जांच के लिए मशीनें मांगी गई हैं। पैथोलॉजी में विशेषज्ञ के साथ बायोप्सी तथा दूसरी जांचों के लिए उपकरण मांगे गए हैं। इन प्रस्तावों की मंजूरी के बाद रोगी इंस्टीट्यूट में सभी सुविधाएं मिल जाएंगी।

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