कांग्रेस और सपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद भी बना रहेगा। प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के साथ-साथ हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों में भी यह दल साथ दिखेंगे।
सपा और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव साथ में मिलकर लड़ा था। यह गठबंधन प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में भी दिख सकता है। यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में कांटे की टक्कर रहेगी। सत्ताधारी भाजपा की ओर से जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमान संभाल ली है, वहीं सरपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यह चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ने के संकेत दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि इसके एवज में कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा के चुनाव में सपा को सीटें देगी।यूपी में लोकसभा की 37 सीटें जीतकर सपा देश में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है, पर अभी भी चुनाव आयोग में उसका दर्जा राज्य दल का ही है। आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए उसे अन्य राज्यों में विस्तार करना होगा। यही वजह है कि सपा और कांग्रेस नेतृत्व के बीच महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में सपा को सीटें देने पर सहमति बन गई है। यूपी समेत अन्य राज्यों के चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच ही होगी।
इन दस सीटों पर होने हैं चुनाव
यूपी में विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ये सीटें हैं-सीसामऊ, करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, खैर, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवा और मीरापुर। इनमें से पांच सीटें करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी अभी सपा के पास थीं। जबकि, खैर, गाजियाबाद व फूलपुर भाजपा, मझवा निषाद पार्टी और मीरापुर रालोद ने जीती थीं।
अखिलेश यादव से जब यह पूछा गया कि उप चुनाव में कांग्रेस को कितनी सीटें देंगे, उनका जवाब था कि इन सीटों से सरकार तो बनने नहीं जा रही हैं। फिर, हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि मीडिया जितनी सीटें कहेगा, कांग्रेस को दे दी जाएंगी। इससे माना जा रहा है कि सपा विधानसभा उपचुनाव इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। सपा सूत्रों का कहना है कि एक-दो सीटें कांग्रेस को दी जा सकती हैं।