अचलगंज (उन्नाव)। भट्ठा संचालक व पूर्व प्रधान के वाहन चालक का शव उसके घर में फंदे से लटका मिला। जेब में एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें भट्ठा संचालक सहित चार को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। हालांकि पुलिस लिखावट मिलाने की बात कह रही है।
अचलगंज कस्बा निवासी राकेश (32) पुत्र मुनेश्वर लोधी, लोहचा निवासी पूर्व प्रधान व ईंट भट्ठा मालिक संजय मिश्रा की कार चलाता था। मंगलवार सुबह करीब 6:30 बजे वह गाड़ी खड़ी करके अपने घर गया था। उसने पत्नी शीला को शहर के छोटा चौराहा निवासी बीमार ससुर (पत्नी के पिता) को देखने के लिए भेज दिया था। पत्नी अपने बेटे (गोद लिए गए भाई के बेटे) के साथ मायके आ गई। कुछ देर बाद उसने पति को फोन मिलाया तो रिसीव नहीं हुआ। उसने पड़ोसी श्रीराम की बेटी को फोन करके पति राकेश से बात कराने के लिए कहा। वह फोन लेकर उसके घर गई तो राकेश का शव फंदे से लटका देख चीख पड़ी।
पति के आत्महत्या करने की सूचना से हड़कंप मच गया। पुलिस ने जांच की तो राकेश की जेब में सुसाइड नोट मिला। जिसमें लिखा है कि भट्ठा व वाहन मालिक की कार तीन जुलाई को दुर्घटना का शिकार हो गई थी। हादसे में उनकी मां नीरा मिश्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। हादसे के वक्त कार को वाहन मालिक चला रहे थे, लेकिन हादसे के वक्त कार चलाने और हादसे का इल्जाम अपने (राकेश) ऊपर लेने का दबाव बना रहे थे। इस कागज में भट्ठा पर काम करने वाले तीन और लोगों के भी नाम लिखते हुए परेशान करने की बात लिखी है।
सीओ ऋषिकांत मिश्रा ने बताया कि सूचना के आधार पर पोस्टमार्टम कराया गया है। मृतक के परिवार के किसी सदस्य ने अभी तहरीर नहीं दी है। जेब में मिले जिस कागज को सुसाइड नोट बताया जा रहा है, उसकी लिखावट की जांच कराई जाएगी। इसके बाद ही पुष्टि हो पाएगी।
भट्ठा मालिक ने आरोप को नकारा, बताया साजिश
ईंट भट्ठा मालिक संजय मिश्रा ने सुसाइड नोट को साजिश बताया। कहा कि मृतक राकेश के पिता मुनेश्वर उनके यहां 30 साल से नौकरी करते हैं। राकेश भी 12 साल से उनके वाहन चलाता था। वह परिवार के सदस्य की तरह था। राकेश ने अपने रिश्तेदार का बच्चा गोद लिया था। इसी बात को लेकर परिवार में विवाद चल रहा था। कुछ दिन पहले विवाद शांत भी कराया था। उन पर लगाया जा रहा आरोप गलत है।