उन्नाव। डायट सभागार में हुए बीएसए के समाधान दिवस में 127 शिकायतें पहुंचीं। इनमें रसोइयों के मानदेय के साथ सबसे अधिक शिकायतें वेतन कटौती व लेखा विभाग से संबंधित थीं। बीएसए ने अपने स्तर की शिकायतों के लिए 15 दिन का समय और लेखा संबंधित शिकायतों के निस्ताण के लिए एक महीने का समय मांगा है। साथ ही 29 शिकायतों का मौके पर निस्तारण भी किया।
जिले में संचालित 1883 प्राथमिक, 451 उच्च प्राथमिक और 375 कंपोजिट स्कूलों में 11,700 शिक्षकों की तैनाती है। शिक्षकों की कोई न कोई समस्या रहती है। इसके लिए उन्हें बीआरसी से बीएसए और लेखा कार्यालय तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। शिक्षकों की समस्या का समय से निस्तारण हो इसके लिए सोमवार को समाधान दिवस का आयोजन हुआ। सुबह 11 से शाम तीन बजे तक समाधान दिवस में सबसे अधिक शिक्षक लेखा कार्यालय की समस्याओं से परेशान नजर आए। किसी का एरियर खाते में नहीं पहुंचा तो किसी के वेतन में गड़बड़ी थी।
एक दिन का वेतन कटने के 25 मामले आए। रसोइयोें के मानदेय संबंधी पांच मामले पहुंचे। एमडीएम प्रभारी से उनके निस्तारण के निर्देश दिए गए। 20 शिकायतें ऐसी रहीं जिनमें मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों का नाम गलत चढ़ा होना मिला। संबंधित बाबू से आपत्ति लगाकर लखनऊ भेजकर उसे सही कराने के लिए कहा गया। शिकायतों के निस्तारण के लिए एक महीने का समय दिया गया। बीएसए संगीता सिंह ने बताया कि एक दिन के वेतन कटौती मामले में जिनके अवकाश स्वीकृत थे, उनका तुरंत आदेश किया गया। अन्य मामलों में लेखा विभाग को प्रार्थनापत्र देकर निस्तारित करने के लिए कहा।
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मानदेय 26 महीने से खाते में नहीं पहुंचा
समाधान दिवस में आईं आशाखेड़ा कंपोजिट स्कूल की रसोइया बीना ने बताया कि 26 महीने से उनका मानदेय खाते में नहीं पहुंचा है। बीएसए ने जब एमडीएम प्रभारी रामजी से पूछा तो उन्होंने हर महीने मानदेय भेजने की बात कही। रसोइया ने अपनी बैंक पासबुक में इंट्री भी दिखाई। बीएसए ने एमडीएम प्रभारी को इसकी जांच कर मंगलवार तक निस्तारण के निर्देश दिए।
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शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों ने की मोबाइल हड़ताल, नहीं भेजी सूचना
उन्नाव। डिजिटिलाइजेशन, पढ़ाई के अलावा अन्य समस्याओं को लेकर शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों ने मोबाइल हड़ताल की। सोमवार को करीब पांच हजार शिक्षकों ने ऑनलाइन सूचना नहीं भेजी।
संयुक्त मोर्चा संघर्ष समिति के संयोजक भरत चित्रांशी व सचिव अमित सिंह ने बताया कि स्कूलों में पिछले आठ सालों से पदोन्नतियां न होने के साथ शासन द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति व 11 रजिस्टरों के डिजिटलाइजेशन के आदेश ने शिक्षकों, शिक्षामित्र व अनुदेशकों को खासा परेशान किया है। इसे लेकर शिक्षक लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसके बाद भी अभी तक समस्याओं का हल नहीं निकला। इस एक दिवसीय हड़ताल में शिक्षकों ने अपना विभागीय मोबाइल बंद रखा। स्कूल अवधि के दौरान किसी प्रकार की सूचना देने से इन्कार कर दिया। शिक्षकों का कहना है कि हम अपने सम्मान, स्वाभिमान तथा अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।