अमेठी हत्याकांड का आरोपी चंदन वर्मा नामी गिरामी नर्सिग होमों में लैब टेक्नीशियन का काम करके पैसा कमाता था। वह माता-पिता के साथ किराए के मकान में रहता था।
शिक्षक और उसके परिवार के सदस्यों की क्रूर तरीके से कई गई हत्या के बाद जिस चंदन वर्मा का नाम सामने आया है, उसका चिकित्सा क्षेत्र के खासा दखल रहा है। शहर के कई नामी गिरामी नर्सिग होमों में वह लैब टेक्नीशियन का काम करके पैसा कमाता था। यही नहीं कई चिकित्सकों से उसकी खासी जान पहचान थी। ऐसे में वह लोगों का इलाज करके भी धन अर्जित करता था। खास बात ये है कि चाहे फिर रायबरेली हो या फिर देश की राजधानी दिल्ली। उसका और उसके परिवार का कोई स्थायी ठिकाना नहीं था। साल दर साल वह ठिकाना बदलता रहा।
अमेठी में हुई घटना के बाद पुलिस आरोपी चंदन वर्मा की कुंडली खंगालने में जुटी है। ऐसे में चंदन के एक के बाद कारनामे सामने आ रहे हैं। पुलिस की शुरुआती जांच में पाया गया है कि चंदन के ठिकाने का असली पता नहीं चल पाया है। उसका आधार कार्ड रायबरेली शहर के तेलियाकोट के नाम से जरूर बना है, जहां पर वह 2010 तक मकान में किराए का कमरा लेकर माता-पिता के साथ रहता था। इसके बाद परिवार के साथ दिल्ली चला गया। इस अवधि में चंदन का रायबरेली आना जाना लगा था। हालांकि 2018-19 में परिवार समेत चंदन दिल्ली से रायबरेली आ गया।
इसके बाद रतापुर, साकेत नगर में किराए के मकान पर रहने लगा। इसी साल की 18 मई को रायबरेली शहर से सटे मटिहा गांव में किराए का मकान लेकर परिवार के साथ चंदन रहने लगा था। इसके बाद शहर के नामी गिरामी नर्सिग होम में लैब टेक्नीशियन का कार्य करने लगा। उसने डिप्लोमा भी कर रखा था। मृतका पूनम भारती भदोखर थाना क्षेत्र के उतरपारा गांव की रहने वाली थी, जिसकी दूरी आरोपी के मकान से करीब 15 किमी. है।
पढ़ाई कर रहा था चंदन, कमरे से मिली किताबें
अमेठी की घटना के बाद चंदन का नाम सामने आया तो रायबरेली शहर पुलिस ने उसके मटिहा स्थित कमरे में छापा मारा। छापे के दौरान वहां पर कोई नहीं मिला और ताला बंद था। पुलिस ताला तोड़कर अंदर घुसी और जांच की तो दंग रह गई। वजह कमरे से कुछ मेडिकल की किताबें मिली। ऐसे में पुलिस कयास लगा रही है कि वह पढ़ाई भी कर रहा था। पुलिस ने मौके से बरामद की गई किताबों को कब्जे में ले लिया।