हसनगंज (उन्नाव)। घर से निकली महिला की स्कूटी गांव से 10 किलोमीटर दूर मोहान कस्बे में शिव मंदिर के बाहर मिली। दुपट्टा और मोबाइल, सई नदी के किनारे मिला। नदी में डूबने की आशंका पर पुलिस ने छह गोताखोरों की मदद से चार घंटे तलाश कराई लेकिन पता नहीं चला।
हसनगंज कोतवाली के निजामपुर पचगहना गांव निवासी चांदनी (27) पुत्री मदार बख्श सोमवार सुबह नौ बजे घर से दवा लेने के लिए हसनगंज कस्बा जाने की बात कहकर स्कूटी से निकली थी। लेकिन वह कई घंटे बाद भी घर नहीं पहुंची। दोपहर करीब 1:30 बजे मोहान कस्बे में जलेश्वरनाथ मंदिर के बाहर उसकी स्कूटी खड़ी मिली। जबकि मोबाइल फोन और दुपट्टा नदी के किनारे रखा मिला है। मोबाइल के कवर में 2040 रुपये भी मिले। कस्बे के लोगों की सूचना पर कोतवाली प्रभारी चंद्रकांत मिश्रा पहुंचे और जांच की।
नदी में डूबने की आशंका पर मोहान कस्बे से छह गोताखोरों को बुलाकर नदी में तलाश कराई गई लेकिन चार घंटे चली तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चला। मां नूरजहां ने बताया कि चांदनी उनकी इकलौती संतान है। छह साल पहले शुक्लागंज के चंपापुरवा निवासी सरताज से शादी हुई थी, लेकिन पति से अनबन के चलते वह तीन साल से मायके में रह रही है। न्यायालय में मुकदमा भी चल रहा है। उसके पिता की एक साल पहले बीमारी से मौत हो चुकी है। ममेरे भाई मोनिस ने बताया कि चांदनी घर पर ही चूनी, चोकर व गल्ले की खरीदारी का काम कर अपना व मां का खर्च चलाती थी।
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि अभी तक की जांच में चांदनी को नदी में गिरते या कूदते हुए किसी ने नहीं देखा है। गोताखोरों से तलाश कराई गई है। महिला के पर्स में लखनऊ के बालागंज स्थित खन्ना डायग्नोस्टिक सेंटर का पुराना पर्चा मिला है। एक चरवाहे ने चांदनी को नदी में पैर धोते देखा था लेकिन डूबते उसने भी नहीं देखा।