औरास (उन्नाव)। थाना पुलिस ने एसओजी के साथ मिलकर कार सवार दो युवकों को 2.95 लाख के 500 व 100 के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है। उनकी निशानदेही पर नकली नोट छापने के उपकरण और कागज बरामद किए हैं। पकड़े गए आरोपियों में एक लखनऊ का और दूसरा हरदोई का रहने वाला है। पुलिस को शक है कि गिरोह में अन्य लोग भी शामिल हैं, जिनका पता लगाया जा रहा है।
औरास थाना पुलिस को गुरुवार सुबह कार से जाली नोटों की सप्लाई की सूचना मिली। सुबह करीब 10:44 बजे औरास एसओ और एसओजी प्रभारी ने टीम के साथ औरास-रहीमाबाद मार्ग पर कटरा तरौना पुल के पास वाहन की चेकिंग शुरू की। इसी दौरान हरदोई की ओर से लखनऊ नंबर की सफेद रंग की कार आते दिखी। पुलिस को देख चालक ने कार घुमाकर भगाने का प्रयास किया।
एसओजी टीम ने पीछा कर कार रोकी और तलाशी ली तो 500 रुपये के 394 और 100 रुपये के 988 नकली नोटों के साथ दो मोबाइल बरामद हुए। नकली नोट कार के डैश बोर्ड में छिपाए गए थे। पूछताछ में एक ने अपना नाम मो. शोएब निवासी तिलोइया गांव, संडीला हरदोई बताया। दूसरा फुरकान निवासी तकिया, रहीमाबाद लखनऊ का रहने वाला है।
एसपी दीपक भूकर ने बताया कि बरामद हुए नकली नोट 2,95,800 रुपये के हैं। नोट बनाने में प्रयोग होने वाला प्रिंटर, वाईफाई मोडम, एक मॉनीटर, पेपर कटर, कागज, लैपटाॅप, कैंची आदि बरामद हुई है। एसपी ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि असली जैसे दिखने वाले 500 और 100 रुपये के नकली नोट छापकर दूसरे शहरों में खपाते थे। इनका यह कृत्य भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करना था। जाली मुद्रा का प्रयोग से जनता भी परेशानी होती। दोनों आरोपियों को जेल भेजा गया है। गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं, इसकी अभी जांच चल रही है। गिरफ्तार करने वाली टीम में औरास एसओ अश्वनी कुमार मिश्र, एसएसआई इरशाद अली के साथ एसओजी प्रभारी जयप्रकाश यादव, ज्ञान सिंह और टीम शामिल रही।
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मकान मालिक को शक होने पर छोड़ा कमरा
जाली नोटों का कारोबार करने वाले दोनों आरोपी लखनऊ के दुबग्गा निवासी हाजी सलीम के कांपलैक्स में कमरा लेकर रहते थे। इन आरोपियों के लगातार बढ़ रहे शौक को देखते हुए मकान मालिक के साथ वहां रहने वाले अन्य लोगों को शक होने लगा था। इसका पता लगने पर दोनों ने कमरा छोड़ दिया था और नोटों की सप्लाई में लगे हुए थे, लेकिन पकड़े गए।
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एक लाख के जाली नोट देने पर लेते थे 30 हजार के असली नोट
पुलिस के हत्थे चढ़े जाली नोटों का व्यापार करने वाले दोनों आरोपी एक लाख की जाली नोट के बदले 30 हजार रुपये के असली नोट लेते थे। कमरा छोड़ने के बाद दोनों पहले हरदोई के संडीला में नकली नोट लेकर गए, लेकिन वहां किसी ने नहीं लिए। बाद में रहीमाबाद निवासी एक युवक से बात हुई तो वह एक लाख के 15 हजार रुपये दे रहा था, लेकिन यह दोनों तैयार नहीं हुए। इसी सिलसिले में उससे मिलने जा रहे थे। दोनों जाली नोटों की सप्लाई हरदोई, लखनऊ और सीतापुर जिलों में अधिक करते थे।
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कक्षा नौ पास है शोएब, फुकान कक्षा पांच
नकली नोट छापकर उन्हें चलाने वाले शातिर दिमाग आरोपी ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। शोएब कक्षा नौ पास है। वह 12 साल सऊदी अरब में भी वाहन चालक की नौकरी कर चुका है। पिछले पांच साल से हरदोई और मुंबई में रह रहा था। वह वाहन चलाने के साथ ही लोगों को पासपोर्ट, वीजा आदि बनवाने का काम भी करता था। वहीं, फुरकान पांचवीं पास है। लखनऊ निवासी शोएब से दोस्ती होने के बाद वह इस अवैध काम से जुड़ा।
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सभी नकली नोट एक ही सिरीज के
पुलिस ने जांच में पाया कि जो भी नकली नोट बरामद हुए हैं उनके अंकों की सिरीज एक ही है। दोनों ने काफी संख्या में नोट बाजार में चलाए भी हैं। उन्हें भी बरामद करने का प्रयास किया जा रहा है। नकली नोट बनाने में आरबीआई की मोहर वाले तार के स्थान पर स्पार्कल स्याही का प्रयोग किया गया है। देखने में नोट में चमकता है और नोट बिल्कुल असली दिखता है।