उन्नाव। ग्लोबल क्लाइमेट चेंज का असर इस बार दिवाली पर भी दिख रहा है। कार्तिक माह में गर्मी ने पिछले पांच साल के रिकार्ड तोड़े हैं। हाल यह है कि दिवाली के दिन यानी 31 अक्तूबर को अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लोग पसीना छुड़ते रहे।
डीएसएन महाविद्यालय के ज्योग्राफी प्रवक्ता अनिल कुमार बताते हैं कि भारत समेत पूरे विश्व में हो रहे औद्योगिक विकास, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, वन क्षेत्रफल में कमी के कारण धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। उनके मुताबिक, दुनिया के कुछ हिस्सों में लगातार कई साल से जारी युद्ध के कारण भी तापमान में वृद्धि हो रही है। बताया, जलवायु परिवर्तन से मौसम में अनिश्चितता बढ़ी है, जो अत्यधिक गर्मी, अनियमित वर्षा और अचानक ठंड बढ़ने के रूप में सामने आ रहा है।उन्होंने बताया कि उद्योगों और वाहनों से होने वाले प्रदूषण ने वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड व अन्य हानिकारक गैसों की मात्रा बढ़ाई है। ये वातावरण को गर्म करती हैं और मानसून चक्र को असामान्य बना दिया है। पेड़ वर्षा के लिए नमी बनाए रखने में सहायक होते हैं, लेकिन कटाई होने से क्षेत्रीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता जा रहा है। भारत और खासकर उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ जैसी मौसमी घटनाएं भी बदलते मौसम पैटर्न में भूमिका निभा रही हैं। इससे ठंड और बारिश का पैटर्न अस्थिर हो गया है।
अनिल कुमार ने बताया कि इस बार ठंड देर जरूर हुई है लेकिन आने वाले करीब दस दिन में इसका असर शुरू हो जाएगा। वर्तमान में मौसम ग्रीष्म से शीत में प्रवेश कर रहा है। इससे आद्रता बढ़ी है। वहीं, आचार्य अवनीश कुमार दीक्षित बताते हैं कि मान्यता के अनुसार दिवाली से घड़ा भर जाड़ा शुरू हो जाता है। दिवाली की रात से ही मौसम में बदलाव तेजी से शुरू हो जाएगा।
दिवाली के दिन तापमान पर एक नजर
तारीख-अधिकतम – न्यूनतम तापमान
31 अक्तूबर 2024- 34.0- 21.0
12 नवंबर 2023- 31.0- 20.0
24 अक्तूबर 2022- 32.0- 20.0
04 नवंबर 2021- 29.2- 21.4
14 नवंबर 2023- 30.0- 16.0
27 अक्तूबर 2019- 29.2- 18.1