उन्नाव। आपराधिक मुकदमे के आधार पर निरस्त किए गए शस्त्र लाइसेंस को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी बहाल न न्यायमूर्ति के आदेश पर बुधवार को डीएम बुधवार को डीएम उच्च न्यायालय पेश हुए। उन्होंने शस्त्र लाइसेंस बहाली आदेश का अनुपालन करने की जानकारी दी।
बीघापुर निवासी अजय शंकर बाजपेई उर्फ सुधीर बाजपेई पर वर्ष 2022 में एक आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ था। तत्कालीन डीएम ने संबंधित मामले में एसपी की रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2023 में अजय का शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया था। इसके बाद अजय ने लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई के खिलाफ डीएम न्यायालय में अपील की लेकिन वह भी खारिज हो गई। इसके बाद उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी। सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 31 मई 2024 को डीएम के आदेश पर रोक लगाते हुए शस्त्र लाइसेंस बहाल करने का आदेश दिया। इसके बाद भी डीएम ने शस्त्र लाइसेंस बहाल नहीं किया। वहीं याचिका लंबित होने के आधार पर शस्त्र जमा करने का निर्देश दिया।
21 अक्तूबर 2024 को न्यायालय ने डीएम को नोटिस जारी किया था लेकिन डीएम न्यायालय नहीं पहुंचे और ना ही कोई हलफनामा दिया। न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तिथि तय करते हुए डीएम को उपस्थित होने का आदेश दिया।
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ओपी तिवारी ने बताया कि बुधवार को डीएम गौरांग राठी, न्यायमूर्ति मनीष कुमार के समक्ष पेश हुए। उन्होंने शस्त्र लाइसेंस बहाल करने की जानकारी दी। डीएम ने बताया कि न्यायमूर्ति को अजय शंकर बाजपेयी उर्फ सुधीर बाजपेयी का शस्त्र लाइसेंस बहाल कर दिया गया है। इसकी रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल कर दी है।