आगरा के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मेडले बेकर्स में बृहस्पतिवार दोपहर को ब्रेड बनाते समय ओवन में जोरदार धमाके के बाद आग लग गई। 14 श्रमिक झुलस गए। इनमें से आठ की हालत गंभीर है। हादसे के बाद यहां मौजूद पैकिंग स्टाफ ने इनकी जान बचाई।
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आगरा के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मेडले बेकर्स में धमाके के बाद भूतल पर नीचे पैकिंग का काम कर रहे श्रमिकों ने हिम्मत दिखाकर झुलसे हुए श्रमिकों को बाहर निकाला। जलते हुए कपड़े फाड़कर उनके शरीर से अलग किए।एटा निवासी सर्वेश कुमार ने बताया कि वह पिछले एक साल से बेकरी में काम कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को वह अन्य श्रमिकों के साथ नीचे ब्रेड के पैकेट बना रहे थे। धमाका होने पर वह प्रथम तल पर जाने के लिए सीढि़यों की तरफ भागे। ऊपर देखा तो आग की लपटें निकल रही थीं। श्रमिक मदद से लिए चिल्ला रहे थे। इस पर नीचे से एक कंबल लेकर आए। आग हल्की हुई तो उसे ओढ़कर ऊपर गए। अन्य साथियों के सहयोग से झुलसे हुए लोगों को नीचे लेकर आए। उन्हें सड़क पर लिटा दिया। वह दर्द से कराह रहे थे। मौके पर मौजूद कई लोग वीडियों बनाते रहे। मदद के लिए कोई आगे नहीं आया।
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शाहजहांपुर निवासी चरण सिंह ने बताया कि उन्हें बेकरी में काम करते हुए एक साल से अधिक समय हो गया है। वह भी पैंकिंग करते हैं। वह भी सर्वेश के साथ मिलकर झुलसे हुए कई लोगों को नीचे लेकर आए थे। जले हुए कपड़े झुलसे हुए लोगों के शरीर से चिपके हैं। उनसे धुंआ भी उठ रहा था। जलन होने के कारण सभी चिल्ला रहे थे। उन्होंने दो अन्य लोगों को बुलाया। उनकी मदद से 4 लोगों के कपड़े फाड़कर शरीर से अलग किए। झ़ुलसे हुए साथियों के परिजन के मोबाइल नंबर लेकर घटना के बारे में जानकारी दी।
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ओवन में हर घंटे तैयार होती हैं 900 ब्रेड
बेकरी के ओवन में धमाके की वजह की जांच के लिए फैक्टरी मालिक ने कंपनी की टीम को भी बुलाया है। कर्मचारियों ने बताया कि बेकरी में 24 घंटे काम होता है। हर घंटे 900 ब्रेड तैयार की जाती हैं। बेकरी के लिए कार्य करने वाले प्रतीक मित्तल ने बताया कि ब्रेड बनाने के लिए मैदा की लोई तैयार की जाती है। इसके बाद कर्मचारी लोई को सांचे में ओवन के पास लेकर आते हैं। ओवन में लोई से ब्रेड बनाने के लिए पाइप से गैस की सप्लाई होती है। एक मोटर भी लगी रहती हैं। जिससे ओवन में लगे झूले घूमते रहें। एक बार में एक ट्रे में लोई के 3 मोल्ड आ जाते हैं। एक मोल्ड में 6 ब्रेड होती हैं।
उन्होंने बताया कि एक झूले पर 18 ब्रेड आती हैं। झूला हर मिनट में घूमता है। 52 झूलों पर सांचों को ब्रेड तैयार करने के लिए लगाया जाता है। 52 मिनट में ब्रेड बनकर तैयार होती है। इस पर झूला बाहर आ जाता है। कर्मचारी ब्रेड को पैक करने के लिए लेकर जाते हैं। जिस समय हादसा हुआ, उस समय कर्मचारियों ने लोई को लगा दिया था। वह ब्रेड के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। धमाके से चारों तरफ से गैस निकलने लगी। इससे कर्मचारी झुलस गए। गर्मी को बाहर निकालने के लिए एग्जास्ट भी लगे हुए हैं। प्रतीक मित्तल ने बताया कि बेकरी को सुरक्षा प्रमाणपत्र मिला हुआ है।
सीढ़ियों से गिरकर बची जान, नहीं तो निकल जाते प्राण
ओवन में धमाके से विवेक और रामवीर सीढि़यों से नीचे गिर गए। ऐसे में लपटों की जद से दूर पहुंच गए। तब भी उनके हाथ-पैर और मुंह झुलस गया। बुधवार शाम को ही वह अपने गांव से 5 दिन छुट्टी काटकर वापस काम करने आए थे। विवेक और रामवीर एटा के गांव सतरई निवासी हैं। उन्होंने बताया कि 11 जनवरी को दोनों छुट्टी लेकर मकर संक्राति का त्योहार मनाने घर गए थे। बुधवार शाम को करीब 6 बजे वापस आए थे। बृहस्पतिवार की दोपहर करीब 1 बजे सीढ़ियों के पास खड़े थे। तभी धमाका हुआ। आग की लपटें निकलीं। किसी को भी भागने का मौका तक नहीं मिला। वह सीढि़यों से गिर गए थे। नीचे नहीं गिरते तो वह भी बुरी तरह से झुलस जाते।