UP: एकेटीयू से 120 करोड़ की ठगी में आरोपी बिल्डर गिरफ्तार, दुबई में काट रहा था फरारी, अब तक 10 जेल भेजे गए

मो. चांद उर्फ सनी जॉनसन ने एफडी कराने का झांसा देकर एकेटीयू की रकम पार कर दी थी। साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरोह के 11वें आरोपी को दबोच लिया। ठगी में इसकी सबसे बड़ी भूमिका थी।

Accused builder arrested in AKTU's 120 crore fraud

एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) के 120 करोड़ रुपये पार करने वाले गिरोह के प्रमुख गुर्गे बिल्डर मो. चांद उर्फ सनी जॉनसन को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने बुधवार को शहर से गिरफ्तार किया। आरोपी वारदात के बाद से दुबई में रह रहा था। उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी था। इससे पहले मामले में दस आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं।

साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि आरोपी चांद केशव नगर फैजुल्लागंज स्थित एक अपार्टमेंट में रहता था। वह जेल में बंद गिरोह के गुर्गे राजेश बाबू के संपर्क में था। राजेश के जरिये ही वह अन्य साथियों से जुड़ा था। जब आरोपी अनुराग श्रीवास्तव बैंक अफसर बनकर एकेटीयू गया था तब चांद उसके साथ गया था, लेकिन विवि परिसर के बाहर ही रहा था। जब अनुराग विवि का फाइनेंस अफसर बनकर बैंक गया था तब भी चांद उसके साथ था। घटना के बाद उसको 50 लाख रुपये मिले थे।

पुणे से रवाना हुआ था दुबई
ठगी के बाद चांद ने एक एसयूवी खरीदी थी। इंस्पेक्टर ने बताया कि एसयूवी लेकर चांद पुणे एयरपोर्ट गया था। एसयूवी पार्किंग में खड़ी कर दी थी। वहीं से फ्लाइट पकड़कर दुबई चला गया था। पुलिस उस एसयूवी को पहले ही रिकवर कर चुकी है। हालांकि उसकी गिरफ्तारी के साथ एसयूवी की भी बरामदगी दिखाई है।

साजिश के पांच बड़े किरदार, एक अभी लंदन में
पुलिस के मुताबिक अब तक की जांच में सामने आया है कि साजिश में पांच आरोपियों की मुख्य भूमिका रही। इसमें गुजरात का देवांश देसाई, राजेश बाबू, दिल्ली का मोसाय, चांद और अनुराग श्रीवास्तव हैं। देवांश लंदन में है। मोसाय का कोई सुराग नहीं लगा है। चांद ने बताया कि दुबई का उसका पूरा खर्च मोसाय ने ही उठाया है।

यह है पूरा मामला
एकेटीयू की तरफ से बड़ी एफडी कराई जाती हैं। जून 2024 में इसकी प्रक्रिया होनी थी। यूनियन बैंक का मैनेजर बनकर अनुराग श्रीवास्तव नाम का शातिर विवि की एफडी प्रक्रिया में शामिल हुआ था। अनुराग ने ही विवि का फाइनेंस ऑफिसर बनकर बैंक से एफडी संबंधी दस्तावेज तैयार किए थे और एकेटीयू के नाम से फर्जी खाता खुलवाया था। पांच जून को एफडी की 120 करोड़ की रकम खाते में आई थी। वहां से फाइनेंस ऑफिसर बनकर अनुराग ने एकेटीयू के फर्जी खाते में ये रकम ट्रांसफर करवा ली थी। इसमें से 100 करोड़ रुपये गुजरात के श्री श्रद्धा ट्रस्ट में ट्रांसफर किए गए थे। मामले में 18 जून को साइबर क्राइम थाने की टीम ने गिरीश चंद्रा, शैलेश रघुवंशी, जोशी देवेंद्र प्रसाद, केके त्रिपाठी, दस्तगीर आलम, उदय पटेल और राजेश बाबू कोे गिरफ्तार किया था। इसके बाद अनुराग श्रीवास्तव व अजय पटेल को भी दबोच लिया गया था |

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