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उन्नाव। खेत जा रही किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले को न्यायालय ने 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 45 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। वहीं, दोषी की मदद करने पर तीन को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है।
बीघापुर थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने पुलिस को तहरीर दी थी। आरोप था कि 24 मार्च 2011 को उसकी 15 साल की बेटी खेत जा रही थी। काफी देर तक बेटी के वापस न आने पर तलाश की लेकिन पता नहीं चला। इसी दौरान थानाक्षेत्र के सुमरहा गांव के कुछ ग्रामीणों ने बताया था कि दोपहर में उसकी बेटी को रामस्वरूप, उसका बहनोई सुनील, पत्नी माधुरी और विजय कोरी के साथ सुमरहा चौराहा की तरफ ले जाता दिखा था। किशोरी का पिता सभी के घर गया था लेकिन कोई नहीं मिला। पुलिस के सुनवाई न करने पर उसने न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया, तब आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
विवेचना के दौरान पुलिस ने कानपुर के महाराजपुर थानाक्षेत्र के कर्वी निवासी अनिल कुमार, सदर कोतवाली के भीखमपुर निवासी रूपेश, उसकी मां सुशीला पांडेय और बिंदू पांडेय की संलिप्तता पाई। पुलिस ने पूर्व में दर्ज कराए गए आरोपियों के नाम हटाते हुए इन चारों के नाम एफआईआर में शामिल किए और गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मुकदमा अपर सत्र न्यायालय फास्ट ट्रैक में विचाराधीन था। मंगलवार को मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई।
न्यायाधीश रवि प्रकाश साहू ने दलील व साक्ष्यों के आधार पर अनिल को दुष्कर्म का दोषी पाया और 10 साल कारावास व 45 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अनिल की मदद करने वाले रूपेश, सुशीला व बिंदू को भी तीन-तीन साल के कारावास व 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई