UP: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे क्यों बना खूनी मार्ग, हादसों में मौत के आंकड़ों पर चिंता…सुरक्षा ऑडिट की जरूरत

Deep concern over increasing accidents and deaths on Agra-Lucknow Expressway road safety audit

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केसी जैन ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव परिवहन से दिल्ली में मुलाकात की। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे बढ़ती दुर्घटनाओं और मौतों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं सड़क सुरक्षा कार्यकर्ता केसी जैन ने पिछले दिनों विज्ञान भवन, नई दिल्ली में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (परिवहन) लक्को वेंकटेश्वरलु (आईएएस) से मुलाकात की। इसमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर बढ़ती दुर्घटनाओं और मौतों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।

केसी जैन ने नई सड़क सुरक्षा ऑडिट की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। कहा कि आखिरी बार यह ऑडिट वर्ष 2019 में केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) ने किया था। तब से अब तक वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे सड़क दुर्घटनाएं और मौतें लगातार बढ़ रही हैं। प्रमुख सचिव ने आश्वासन दिया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का एक नया सड़क सुरक्षा ऑडिट कराया जाएगा

16 महीने में 1517 दुर्घटनाएंनवंबर 2017 से फरवरी 2019 के दौरान आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर कुल 1517 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 406 लोग घायल हुए। 118 लोगों की मौत हुई। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इस अवधि के बाद होने वाली सड़क दुर्घटनाओं, मौतों और घायलों के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया है। इस डेटा की अनुपलब्धता के कारण, एक्सप्रेस वे पर हो रही दुर्घटनाओं की वास्तविक स्थिति को समझना मुश्किल हो गया है। अधिवक्ता केसी जैन ने प्राधिकरण से मांग की है कि वह पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से दुर्घटनाओं के आंकड़े सार्वजनिक करें।

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