
उन्नाव। कल्याणी नदी को पुराने स्वरूप में लाने के लिए गहरी खुदाई कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पोकलैंड सहित अन्य मशीनों से खुदाई कराने में करीब 25 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजकर नमामि गंगे योजना से बजट की मांग की गई है।
डीएम गौरांग राठी ने इस बार कल्याणी नदी के जीर्णोद्धार को लेकर नई कार्ययोजना तैयार कराई है। इसके तहत मनरेगा के साथ मशीनों के माध्यम से काम कराया जाना है। नदी को पुराने स्वरूप में लौटाने के लिए गहरी खुदाई करानी जानी है, जो मनरेगा मजदूरों से संभव नहीं है। पूर्व में कई गांवों में नदी के खोदाईस्थल की भूमि काफी सख्त होने से श्रमिकों ने खुदाई से इंकार कर दिया था। वहीं, मनरेगा से मशीन से खुदाई की अनुमति भी नहीं है। इसको देखते हुए यह काम पौकलैंड जैसी मशीनों से कराया जाएगा। इसके लिए तैयार किए गए प्रस्ताव के सापेक्ष बजट नमामि गंगे योजना से लेने की तैयारी है।
सीडीओ प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि पूर्व में नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान योजना के वरिष्ठ अधिकारी से बात हुई थी। उन्होंंने इसके लिए सहमति दी थी। इसलिए प्रदेश सरकार के माध्यम से प्रस्ताव भेजकर बजट की मांग की गई है। बताया कि उम्मीद है कि जल्द ही प्रस्ताव के सापेक्ष बजट मिल जाएगा। सीडीओ ने बताया कि पूर्व की जो कार्ययोजना बनाई गई थी, वह केवल मनरेगा पर ही निर्भर थी। मनरेगा में पर्याप्त बजट न होने से हर बार कार्य अधर में लटक जाता था। इसलिए इस बार जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें मनरेगा के अलावा दूसरे मदों से भी मदद लेने की तैयारी की गई है। इसलिए इस बार नदी के जीर्णोद्धार का काम पूरा होने की उम्मीद है।
मनरेगा से तालाब और नालों की सफाई का काम जारी
जिला प्रशासन ने पहले चरण में कल्याणी नदी से जुड़े 31 तालाबों व 15 किलोमीटर लंबे नालों की सफाई शुरू करा दी है। गंजमुरादाबाद के बहलोलपुर से इसकी शुरुआत की गई थी। सीडीओ के मुताबिक, मनरेगा से तैयार किए गए 8.29 करोड़ के कच्चे कार्यों के प्रस्तावों पर काम चल रहा है। बताया कि मनरेगा में पैसे की कमी नहीं है। इसलिए मजदूरों से जो काम कराए जा सकते हैं, उनकी शुरुआत करा दी गई है। पहले तालाब व नालों की सफाई कराने के पीछे का उद्देश्य यह है कि जब भी गर्मी के समय नदी के सूखने की स्थिति बने तो तालाबों व नालों के माध्यम से उनमें पानी पहुंचाया जा सके। इसके अलावा, तालाब व नालों से लेकर नदी के किनारों तक प्रारंभिक स्तर पर 50 हजार पौधे भी रोपित किए जाएंगे। इस पर 1.6 करोड़ का खर्च आएगा जो मनरेगा से ही वहन किया जाएगा।
तीन स्तरों पर होंगे सफाई कार्य
– पहले चरण में नदी के किनारे स्थित तालाबों व नालों की सफाई।
– दूसरे चरण में नदी किनारे 50 हजार पौधों का रोपण।
– तीसरे चरण में नदी की सफाई।
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कल्याणी नदी एक नजर में
– हरदोई के माधौगंज से निकलने वाली गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में एक।
– गंजमुरादाबाद, बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी, सफीपुर व सिकंदरपुर सरोसी ब्लाॅक के लगभग 32 गांवों से निकली।
– नदी की जिले में कुल लंबाई 68 किमी, करीब 11 गांवों में नदी की जमीन पर मिला अतिक्रमण, हो रही खेती।