
उन्नाव। जिला प्रशासन से बिना अनुमति लिए सीलिंग सीमा (पांच हेक्टेयर से अधिक) जमीन की खरीद फरोख्त का मामला सामने आया है। करीब 11 करोड़ की कृषि भूमि के लिए 2.75 करोड़ के स्टांप लगाए गए। मामले की जानकारी पर डीएम के निर्देश पर पुरवा एसडीएम ने जांच की। कई बार नोटिस के बाद भी जवाब न देने पर रजिस्ट्री निरस्त करते हुए पूरी जमीन को जब्त करते हुए राज्य सरकार के पक्ष से संबद्ध कर दिया।
नियम है कि पांच हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि खरीदने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी होती है, लेकिन पुरवा तहसील के भदनांग गांव में मुख्य मार्ग से लगी हुई 7.5 हेक्टेयर जमीन को फरवरी 2023 को कानपुर के जाजमऊ निवासी अब्दुल समद ने शुक्लागंज निवासी रामेश्वर वर्मा और बीएएल आजाद से खरीदी थी। भूमि विक्रेता अनुसूचित जाति वर्ग के होने के बाद भी डीएम से इसकी अनुमति नहीं ली गई। उधर, रजिस्ट्री होने के बाद स्टांप की जांच हुई तो जमीन की मालियत (सरकारी दर) के सापेक्ष करीब 50 लाख के स्टांप कम पाए गए। गहनता से जांच हुई तो सीलिंग की सीमा से अधिक भूमि एकमुश्त खरीदने का भी मामला सामने आया।
डीएम गौरांग राठी ने 29 जुलाई 2024 को पुरवा एसडीएम उदित नारायण सेंगर को जांच के आदेश दिए। एसडीएम ने तहसीलदार से जांच कराई तो राजस्व संहिता की धारा 89-2 का उल्लंघन पाया गया। 28 अगस्त 2024 को तहसीलदार की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पुरवा एसडीएम ने भूमि के खरीदार को कई नोटिस दिए, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया तो भूमि गाटा संख्या 1244 क्षेत्रफल 7.3350 हेक्टेयर को एमबी एक्सपोर्ट्स 35/366 दिल्ली टेनरी कंपाउंड शीतला बाजार जाजमऊ कानपुर के प्रोपाइटर अब्दुल समद पुत्र हाजी अब्दुल गफूर, पेंच बाग कानपुर के नाम की रजिस्ट्री को खारिज करते हुए जमीन को राज्य सरकार के नाम दर्ज कर दिया। एसडीएम ने बताया कि एक-दो दिन में जमीन की पैमाइश करके निशानदेही कर दी जाएगी और वहां पर सूचना बोर्ड लगाया जाएगा। ताकि कोई भी इस जमीन की फर्जी खरीद, फरोख्त या कब्जा न कर सके।