
उन्नाव। एलिवेटेड एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और अजगैन-मोहान मार्ग स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर पुल बनने से जिले में चौतरफा डायवर्जन लागू है। हाईवे पर 40 से 100 टन वजन लादकर चलने वाले वाहनों का बोझ, 20 से 25 टन वजन क्षमता वाली सड़कें नहीं झेल पा रही हैं। डायवर्जन के कारण आठ प्रमुख सड़कें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। इनको बनाने पर करीब 90 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। पीडब्ल्यूडी की मांग पर शासन ने मौरावां-बिहार मार्ग के लिए 49.91 करोड़ मंजूर कर लिए हैं। अन्य सात मार्गों के लिए 40 करोड़ का बजट मिलना बाकी है।
17 महीने से भारी वाहन उन्नाव-मोहनलालंगज मार्ग से होकर लखनऊ जा रहे हैं। इससे पुरवा तहसील क्षेत्र की सात सड़कें बदहाल हैं। अजगैन-मोहान मार्ग पर रेलवे क्राॅसिंग पर पुल निर्माण का काम चलने से नवाबगंज-जैतीपुर-लखनापुर मार्ग भी जर्जर है। इन्हें दोबारा बनाने पर 90 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
लखनऊ-कानपुर हाईवे से रोजाना औसतन 20 हजार वाहनों का आवागमन होता है। इनमें हमीपुर, बांदा, झांसी आदि जिलों से गिट्टी, मौरंग व अन्य खनिज लदे ओवरलोड वाहन लखनऊ मंडी व अन्य जिलों में जाते हैं। 20 से 25 टन भार क्षमता वाली सड़कें, 40 से 100 टन का बोझ नहीं झेल पा रहीं और एक से डेढ़ साल में ही उखड़ रही हैं। भारी वाहन पुरवा, मौरावां, मंगतखेड़ा, असोहा, सोहरामऊ होकर मोहनलालगंज और जुनाबगंज होते हुए लखनऊ पहुंचते हैं।
पीडब्ल्यूडी के मुताबिक, भारी वाहनों से जिले की आठ प्रमुख सड़कें खराब हुई हैं। इनमें अभी तक केवल एक 18 किलोमीटर लंबे मौरावां-बिहार मार्ग को दोबारा बनाने के लिए शासन ने मंजूरी दी है। पांच मीटर चौड़े इस मार्ग को सात मीटर चौड़ा करने और नवीनीकरण कराने पर 49.91 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पीडब्ल्यूडी के सहायक एचएन मिश्रा ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसी महीने निर्माण शुरू हो जाएगा। अन्य मार्गों के लिए भी फिर बजट मांगा जाएगा।
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगे डंपरों से टूटी 106 ग्रामीण सड़कें
निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे में मिट्टी भरने व निर्माण सामग्री की ढुलाई में लगे डंपरों से क्षतिग्रस्त हुईं 106 सड़कें व पुलिया मरम्मत के इंतजार में हैं। पीडब्ल्यूडी व उन्नाव खंड शारदा नहर विभाग ने मरम्मत के लिए यूपीडा से 55 करोड़ का बजट मांगा लेकिन कार्यदायी संस्था ने एक रुपया नहीं दिया। पीडब्ल्यूडी एक्सईएन सुबोध कुमार ने बताया कि यूपीडा को क्षतिग्रस्त सड़कों की सूची भेजी गई थी, लेकिन न मरम्मत कराई गई, न ही बजट मिला है। उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई है।
ओवरलोडिंग से खराब हुईं प्रमुख सड़कें…
– नवाबगंज-लखनापुर मार्ग, लंबाई- चार किलोमीटर, लागत- 6.80 करोड़
– मौरावां-बिहार होते हुए मोहनलालगंज मार्ग, लंबाई- 18 किलोमीटर
– पुरवा-बिहार मार्ग होते हुए लखनऊ तक, लंबाई- 12 किलोमीटर
– पुरवा मार्ग से मंगतखेड़ा-कांथा-लालखेड़ा चौराहा होते हुए लखनऊ तक, लंबाई- 18 किलोमीटर
– पुरवा से मिर्री चौराहा-सोहरामऊ होते हुए लखनऊ के जुनाबगंज मार्ग, लंबाई- 22 किलोमीटर
– कालूखेड़ा से असोहा, दरेहटा होते हुए मोहनलालगंज मार्ग, लंबाई- 19 किलोमीटर
– कालूखेड़ा से असरेंदा, निगोहा होते हुए मोहनलालगंज तक, लंबाई- 12 किलोमीटर
– मौरावां से हिलौली, बछरावां मार्ग से मोहनलालगंज तक, लंबाई- 12 किलोमीटर
क्या कहते हैं जिम्मेदार
पैचिंग कर चला रहे यातायात : एई
गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए माल ढुलाई में लगे भारी वाहनों और डायवर्जन लागू होने से सड़कें टूट गईं हैं। हालत ऐसी है कि मरम्मत कराना भी मुश्किल है। किसी तरह पैचिंग कर यातायात चलाया जा रहा है। इन मार्गों को बनाने के लिए लखनऊ मुख्यालय रिपोर्ट भेजी गई है। प्रयास किया जा रहा है कि बाकी बची सड़कों के लिए भी जल्द ही बजट स्वीकृत हो जाए।
– एचएन मिश्रा, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी