
परियर। वन विभाग की जमीन पर खड़े चार यूकेलिप्टस के पेड़ चोरी छिपे कटवाया जा रहा था। ग्रामीणों ने वन अधिकारियों को सूचना दी तो फॉरेस्टर जांच करने पहुंचे। आरोप है कि कार्रवाई के बजाए लकड़हारों से मिलकर 80 क्विंटल लकड़ी काे 890 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेच दी और 71,200 रुपये ले लिए। मामला प्रभारी डीएफओ तक पहुंचा तो उन्होंने अज्ञात पर लकड़ी चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई और फॉरेस्टर से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है।
सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के पनपथा गांव में सैकड़ों बीघा वन भूमि संरक्षित है। कुछ भाग में पेड़ भी लगे हैं। इसी जमीन में राजाराम के बाग के पास मंगलवार रात यूकेलिप्टस के चार पुराने पेड़ चोरी छिपे काटे जा रहे थे। ग्रामीणों ने प्रभारी वन अधिकारी को फोन करके सूचना दी तो रात करीब 11 बजे वन रक्षक प्यारेलाल तिवारी और फॉरेस्टर सुरेश कुमार टीम के साथ पहुंचे तो पेड़ काटने वाले सारा सामान वहीं छोड़ कर भाग गए। आरोप है कि फॉरेस्टर ने लकड़ी को संरक्षित करने के बजाय परिचित लकड़हारों को बेच दी और दिखावे के लिए कुछ लकड़ी छोड़कर उसे कब्जे में लेने का कोरम पूरा किया। वहीं, फॉरेस्टर सुरेश कुमार ने लकड़ी बेचने के आरोप को गलत बताया है।
डीएफओ आकाश बधावत (बाराबंकी के डीएफओ) ने बताया कि इस प्रकरण में अज्ञात के खिलाफ लकड़ी चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। लकड़ी बेचने के आरोप में फॉरेस्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सभी बिंदुओं पर जांच के लिए एसडीओ संतोष कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई है।