
उन्नाव। विकास कार्य और सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कराने में अव्वल रहीं जिले की पांच पंचायतों को मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार मिला है। इनमें असोहा की ग्राम पंचायत सरवन ने पहला स्थान हासिल करते हुए पुरस्कार के रूप में 35 लाख रुपये जीते हैं।
ग्राम पंचायत सरवन का मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना में चयन हुआ है। गांव के मजरों को पक्की सड़क से जोड़ने, 30 लाख से गांव में आरसीसी व इंटरलॉकिंग निर्माण और घरों से गाड़ी के माध्यम से कूड़ा एकत्र करके उनकी छंटनी कराने, नाला निर्माण, खाद्य गड्ढे सहित अन्य काम कराने पर ग्राम पंचायत को 35 लाख रुपये का इनाम मिला है।
महिला प्रधान पप्पी देवी के मुताबिक, पंचायत के सभी मजरों को पक्के रास्तों से जोड़ा है। 900 मीटर इंटरलाॅकिंग बिछाई गई है। विद्यालय का कायाकल्प भी कराया। बुजुर्गों व निराश्रित महिलाओं की पेंशन चालू कराई। पात्रों के राशनकार्ड बनवाए। पंचायत को खुले में शौचमुक्त कराया।
गोमापुर को दूसरा और सराय मनिहार को तीसरा स्थान
असोहा। पंचायत पुरस्कार योजना में दूसरे नंबर पर गोमापुर ग्राम पंचायत रही। इसे 30 लाख रुपये का पुरस्कार मिला है। प्रधान रेशमा रावत ने बताया कि पक्के रास्ते बनवाए हैं। साफ-सफाई भी दुरुस्त है। पंचायत भवन का सुंदरीकरण कराया। सुमेरपुर की सराय मनिहार को तीसरा स्थान मिलने पर 20 लाख रुपये मिले हैं। प्रधान आशीष कुमार सिंह ने बताया कि गांव में साफ सफाई की व्यवस्था दुरूस्त है। हिलौली विकासखंड की ग्राम पंचायत असरेंदा को चौथा स्थान मिला है। इसके एवज में 15 लाख रुपये मिले। प्रधान लल्लन सोनी ने बताया कि दो कुओं का कायाकल्प कराया। 1200 मीटर की इंटरलॉकिंग, पूरी पंचायत में स्ट्रीट लाइट व 10 तालाबों की खुदाई सहित अन्य काम कराए हैं। (संवाद)
दुवा में स्थापित की पहली अंतरिक्ष प्रयोगशाला, मिला पांचवां स्थान
सोनिक। बिछिया ब्लॉक की ग्राम पंचायत दुवा को इस बार पांचवां स्थान मिला है। इसके एवज में बतौर पुरस्कार 10 लाख रुपये मिले हैं। पिछले साल दुवा चौथे स्थान पर रही थी। तब 15 लाख मिले थे। ग्राम प्रधान राजेश कुमार ने बताया कि पंचायत में प्रदेश की दूसरी व लखनऊ मंडल के जिलों में पहली अंतरिक्ष प्रयोगशाला स्थापित है। सीसीटीवी लगे हैं। एलईडी लाइटें लगवाई हैं। यहां के विद्यालय भी टाटपट्टी मुक्त हैं। हाई मास्ट लाइटें व डिजिटल क्लास रूम आदि की सुविधाएं हैं। पिछले साल औरास की मिर्जापुर अजिगांव को प्रथम, मियागंज को दूसरा, असोहा की सेमरी को तीसरा और यहीं की कांथा को पांचवां पुरस्कार मिला था। (संवाद)
कोट————-
पुरस्कार के लिए 168 ग्राम पंचायतों ने आवेदन किए थे। पांच पंचायतों का चयन करके पुरस्कार राशि खातों में भेजी गई है। इस पैसे से भी गांव में अन्य विकास कार्य कराए जाएंगे।
– आलोक सिन्हा, डीपीआरओ