केंद्र ने कोच्चि स्थित निजी खनन कंपनी कोचीन मिनरल्स एंड रुटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) और विजयन की बेटी की कंपनी एक्सलॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की एसएफआईओ जांच के आदेश दिए थे। जांच में धोखाधड़ी सामने आई। मामले को लेकर कंपनी ने हाईकोर्ट का रुख किया।

केरल हाईकोर्ट ने वित्तीय लेनदेन में धोखाधड़ी के मामले में खनन कंपनी कोचीन मिनरल्स एंड रुटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) की याचिका का संज्ञान लिया है। केरल हाईकोर्ट ने मामले में केंद्र और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी से जवाब मांगा है। कंपनी ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) की शिकायत पर संज्ञान लेने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 23 मई को तय की है।
न्यायमूर्ति टीआर रवि ने केंद्र सरकार और विजयन की बेटी वीना टी सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) की याचिका पर उनका रुख पूछा है। कोर्ट ने कहा कि भारत के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने प्रथम प्रतिवादी केंद्र सरकार का नोटिस लिया। जबकि दो से 12 को दो सप्ताह के भीतर वापस करने योग्य स्पीड पोस्ट द्वारा नोटिस भेजा गया। इसके अलावा डिप्टी सॉलिसिटर जनरल को अपना जवाबी हलफनामा रिकॉर्ड में रखना होगा।
कोर्ट ने कहा कि संज्ञान लेने के बारे में मौलिक प्रश्न उठाया गया है और दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के संचालन के बारे में प्रश्न उठाए गए हैं, इसलिए आज की स्थिति को दो महीने की अवधि के लिए यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया जाता है।
एसएफआईओ ने दाखिल की है चार्जशीट
केंद्र ने कोच्चि स्थित निजी खनन कंपनी कोचीन मिनरल्स एंड रुटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) और विजयन की बेटी की कंपनी एक्सलॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की एसएफआईओ जांच के आदेश दिए थे। एसएफआईओ ने इस महीने की शुरुआत में अवैध भुगतान घोटाले के सिलसिले में सीएमआरएल, वीना और उनकी बंद हो चुकी आईटी कंपनी एक्सालॉजिक सहित कई अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
182 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई
रिपोर्ट के अनुसार एसएफआईओ की जांच में खनन कंपनी में 182 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी सामने आई है। इसमें कई अन्य लोग भी आरोपी हैं। इसमें कहा गया है कि यह धोखाधड़ी गैर-मौजूद खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर, फर्जी बिल बनाकर की गई। जांच में पाया गया कि वीना ने बिना कोई सेवा प्रदान किए निजी खनन कंपनी से 2.7 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। हालांकि विजयन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस आरोप का खंडन किया था।