
सफीपुर। चचेरे भाई के तिलक समारोह में शामिल होने चंडीगढ़ से आए युवक ने बुधवार रात आठ बजे जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर परिजन नर्सिंगहोम के बाद जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। जांच में प्रेम-प्रसंग का मामला सामने आया है।
सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के सकहन राजपूतान गांव निवासी श्याम बाबू उर्फ मनोज (20) चंडीगढ़ में मजदूरी करता है। 22 मई को चचेरे भाई राजाबाबू का तिलक होने से उसमें शामिल होने 19 मई को घर आया था। बुधवार देर शाम घर से बाहर निकला, कुछ समय बाद वापस आया तो मुंह से झाग निकल रहा था। परिजन परियर स्थित निजी अस्पताल ले गए। जहां से डॉक्टर ने जिला अस्पताल भेजा, वहां मृत घोषित कर दिया गया।
मृतक की चाची रामदुलारी ने बताया कि श्याम बाबू तीन दिन पहले आया था। जब वह छोटा था, तभी उसकी मां जनकदुलारी की बीमारी से मौत हो गई थी। बड़ा भाई पप्पू और छोटी बहन सविता है। चर्चा है कि वह चंडीगढ़ में ही किसी लड़की से विवाह करना चाहता था। परिजनों के सामने बात रखी तो वह भड़क गए थे। इससे उसने यह कदम उठाया। एसओ एसएन त्रिपाठी ने बताया कि जांच की गई है। अभी कोई आरोप नहीं है। प्रेम प्रसंग का मामला है।
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शव पहुंचते ही परिजन में मची चीख-पुकार
सफीपुर। श्याम बाबू की चाची रामदुलारी ने बताया कि एक तरफ तिलक की तैयारियां चल रहीं थीं, मंगलगीत हो रहे थे, उधर श्यामबाबू के जहर खाने से खुशियां मातम में बदल गईं। उन्होंने बताया कि गुरुवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही शव गांव पहुंचा चीख-पुकार मच गई। आनन-फानन अंतिम संस्कार कर दिया गया। कन्या पक्ष के लोगों से इस समय अच्छा कार्य न होने की बात रखी गई लेकिन उनकी भी पूरी तैयारी होने से वह भी तारीख आगे बढ़ाने पर राजी नहीं हुए। इसलिए देर शाम सादगी पूर्ण तरीके से तिलक चढ़ाने की बात पर रजामंदी हुई। कहा कि श्यामबाबू को बेटे की तरह पाला था, वह यह कदम उठाएगा यह उम्मीद नहीं थी। (संवाद)