
उन्नाव। जिला अस्पताल में तीमारदार खुद स्ट्रेचर खींच रहे हैं। वार्डबॉय इधर- उधर दूसरे कार्यालयों में आराम फरमाते हैं। अपने काम के प्रति वह लापरवाही बरत रहे हैं। यह हाल तब है जब स्वास्थ्य अधिकारी सुबह- शाम अस्पताल का राउंड लेते हैं।
जिला अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके बाद भी मरीज और तीमारदारों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। सोमवार अमर उजाला की ओर से की गई पड़ताल में इसका खुलासा हुआ। सामने आया कि यहां तैनात वार्डबॉय मरीजों के आसपास दिखते तक नहीं हैं। वह इधर- उधर कार्यालयों में आराम फरमाते हैं, या फिर अन्य कामों में व्यस्त रहते हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है कि अस्पताल में 17 वार्डबॉय की तैनाती है। जबकि 48 की तैनाती होनी चाहिए। इसलिए एक वार्ड के भरोसे कई काम होते हैं। इसलिए मरीज के पास अधिक समय नहीं दे पाते हैं
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केस- एक
मुर्तजा नगर के 52 वर्षीय मेवा लाला ने बताया कि कई दिन से बुखार आने पर रविवार को उन्हें भर्ती किया गया था। सोमवार को डॉक्टर ने जांच कराने की सलाह दी। जांच कराने के लिए स्ट्रेचर से पत्नी और भाई लेकर गए थे।
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केस दो-
आटा बंथर के हरिश्चंद्र ने बताया कि उनकी पत्नी सावित्री चोट लगने से घायल हो गई हैं। इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया है। व्हीलचेयर खुद से लिटाया और खींचकर वार्ड तक ले गए।
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बोले जिम्मेदार
वार्ड ब्वाय की कमी है। इसके लिए शासन को लगातार लिखा भी गया है। उन पर कई अन्य कामों का बोझ रहता है। फिर भी मरीज को भर्ती कराना और जांच कराना उनकी जिम्मेदारी है। मामले की जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ.विवेक गुप्ता, एमएस जिला अस्पताल