
फोटो-22-ब्लाक सिकंदरपुर सरोसी क्षेत्र के पावा जंगेनगर मार्ग पर भरे बाढ़ के पानी से निकलते बाइक – फोटो : mathura
उन्नाव। गंगा के जलस्तर में 24 घंटे में पांच सेमी. की कमी आई लेकिन सड़कों पर पानी भरा है। इससे कटरी क्षेत्र के गांवों में मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। शुक्रवार की शाम जलस्तर 112.820 मीटर रिकॉर्ड किया गया। उधर, सफीपुर में लोनारी मार्ग पर भरे पानी से हुए गड्ढे में फंसकर ट्रैक्टर-ट्राॅली पलट गई। गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं हुई। चकलवंशी में भी सड़क पर बह रहे पानी से लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करते रहे।
बाढ़ के पानी से डूबी सड़कों में उडंकपुरवा से लोनारी जाने वाले मार्ग पर भी गड्ढे हो गए। शुक्रवार को ईंट लेकर लोनारी जा रहे ट्रैक्टर की ट्राॅली का पहिया चौराहे के पास गड्ढे में जाने से पलट गईं। इसी तरह अन्य सड़कों में डूबने वाला परियर-दबौली मार्ग में इब्राहिमाबाद, रूपपुर चंदेला गांव के पास पानी भर गया था। पानी कम होना शुरू हुआ तो सड़क पर हो चुके गड्ढे बड़ी परेशानी का सबब बन गए।
कल्याणी नदी पुल से लेकर एतबारपुर गांव तक 200 मीटर सड़क पर बड़े गड्ढे हो गए हैं। जमालनगर गैर एहतमाली से रामपुर जाने वाले डामर रोड पर भी बाढ़ के पानी ने आवागमन बंद कर दिया था। पानी घटने के बाद ग्रामीणों ने सड़क से गुजरना शुरू किया तो जगह-जगह हो चुके गड्ढों में फंसकर बाइक व साइकिल निकलना मुश्किल हो गई।
उधर, सिकंदरपुर सरोसी के भूमेश्वर-सरोसी मार्ग से जुड़े जगदीश-भईदा बाबा, पावा-जंगेनगर व थाना जाने वाले रास्ते में पानी भरा है। इससे जगदीशपुर, पंडितखेड़ा, भदेवना, सुब्बाखेडा, आंट, घुसौली, चूराखेड़ा, रनिहाखेड़ा, गिरवरखेड़ा, चंदनखेड़ा, करीमाबाद, अमलोना आदि गांव के लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। बाढ़ का पानी सड़क के ऊपर से बह रहा है। बाइक सवार किसी तरह से जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। ग्रामीणों में रमेश, संदीप, शिवकुमार, पप्पू, कल्लू, नन्हके, रामसिंह आदि ने बताया कि उन्नाव जाने के लिए परियर या चकलवंशी होकर लगभग दस किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है।
24 घंटे में 5 सेंटीमीटर घटा जलस्तर, खतरे के निशान की ओर गंगा- खतरे के निशान 113 मीटर से 18 सेंटीमीटर है दूर, मोहल्लों में भरा बाढ़ का पानी
– नावों से हो रहा आवागमन, लोग छतों पर कर रहे गुजर बसर, स्कूली बच्चों और नौकरीपेशा वाले परेशान
संवाद न्यूज एजेंसी
शुक्लागंज। गंगा का जलस्तर घटने बढ़ने से लोगों के जनजीवन अस्त व्यस्त है। शुक्रवार को 24 घंटे में पांच सेंटीमीटर जलस्तर तो घटा लेकिन कोई राहत लोगों को नहीं है। खतरे के निशान 113 मीटर से 18 सेंटीमीटर दूर गंगा है। जबकि हरिद्वार और नरौरा से और पानी छोड़े जाने की बात कही गई है। जिससे जलस्तर में फिर से बढ़ोत्तरी हो सकती है। ऐसे में मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुसा है, स्कूली बच्चें और नौकरीपेशा करने वालों को दिक्कतें उठानी पड़ रही है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गुरूवार शाम छह बजे गंगा नदी का जलस्तर 112.870 मीटर रिकार्ड किया गया जबकि शुक्रवार शाम छह बजे जलस्तर 112.820 मीटर रिकार्ड किया गया। जलस्तर में मामूली गिरावट आई लेकिन लोगों की मुश्किलें बरकरार है। मोहल्ला गोताखार, मोहम्मद नगर, कर्बला, हुसैन नगर कटरी, गगनीखेड़ा, फत्तेखेड़ा, मालवीय नगर, श्रीनगर, रविदास नगर, ब्रम्हनगर कटरी, अहमद नगर कटरी, गायत्री नगर, भातू फार्म, अंबिकापुरम समेत अन्य कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी भरा होने के कारण लोगों को छतों पर गुजर बसर करना पड़ रहा है। कई परिवार घरों में ताला लगाकर नाते रिश्तेदारों के यहां रह रहे है। जाजमऊ क्षेत्र के निहालखेड़ा, अखलाख नगर, रतिराम पुरवा, बदुआ खेड़ा समेत अन्य गांवोंं के तटीय क्षेत्र में फिर से पानी घुस गया है। नावों के सहारे लोग रोजमर्रा के कामकाज निपटा रहे है। लेखपाल अशोक सैनी ने बताया कि 26 नाव लगाई गई है। पहाड़ी क्षेत्रों से पानी छोड़ा गया है ऐसे में जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो सकती है। जिसके चलते प्रशासन अलर्ट है।

फोटो-22-ब्लाक सिकंदरपुर सरोसी क्षेत्र के पावा जंगेनगर मार्ग पर भरे बाढ़ के पानी से निकलते बाइक