
जॉनसन मूकबधिर विद्यालय व अन्य मूक-बधिर बच्चों प्रशिक्षण देते विशेषज्ञ। स्रोत: आयोजक
उन्नाव। पुलिस लाइन सभागार में वामा सारथी के तत्वाधान में मूकबधिर बच्चों को सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें मूक बधिर बच्चों को सांकेतिक भाषा में पढ़ने, रहन-सहन और दिनचर्या को बारे में संकेतों से कैसे बता सकते हैं, इसकी जानकारी दी गई।
एसपी दीपक भूकर और वामा सारथी की अध्यक्षा अदिति मोर (आईआरएस) के निर्देश में आयोजित कार्यक्रम में जॉनसन मूकबधिर स्कूल के प्रशिक्षित शिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया। विशेषज्ञों ने बताया कि ऐसे बच्चों को दो प्रकार से प्रशिक्षण दिया जाता है। श्रवण बाधित बच्चों को सांकेतिक भाषा (साइन लैंग्वेज) के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है।
रिटार्डेड बच्चों को वोकेशनल प्रशिक्षण के माध्यम से उनकी दैनिक दिनचर्या से जोड़ते हुए शिक्षित किया जाता है। इस दौरान कॉलेज की प्रधानाचार्य विश्व ज्योति व अन्य शिक्षकों के साथ वामा सारथी के कोआर्डिनेटर डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने सहयोग दिया। इस दौरान स्कूल के प्रबंधक आरएस जैसल, शिक्षक पूनम सहित अन्य लोग शामिल रहे।