
बाढ़ के पानी से खराब हुई फसल। संवाद
सफीपुर। कटरी के गांवों में बाढ़ का पानी कम होने के बाद दुश्वारियों की बाढ़ आ गई है। घर लौटे बाढ़ पीड़ितों के सामने समस्याओं का अंबार है। किसी के घर की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं तो किसी की फसलें सड़ गई हैं। इतना ही नहीं चलने लायक रास्ते भी नहीं बचे हैं।
गंगा और कल्याणी नदी की बाढ़ का पानी कम हो रहा है। खुले स्थानों पर रह रहे बाढ़ पीड़ित घरों को वापस लौटने लगे हैं लेकिन उन्हें वहां पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पानी में बहकर आए जहरीले कीड़े खतरा बने हैं। गांव रामपुर, मनियापुर, लोनारी, शेरपुर, उडंकपुरवा, हमजापुर, नीबीगड़ा, करीमाबाद, ददलहा आदि के लोगों की एक हजार बीघा फसल पानी में डूब कर सड़ गई है।
इससे ग्रामीणों के सामने अब परिवार का भरण पोषण करने की समस्या खड़ी हो गई है। यही नहीं गांवों में अब मजदूरी के अवसर भी कम हो गए हैं। एक माह से अधिक समय तक जलभराव से संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है।
इंसेट-1
बाढ़ से मार्ग कटे, हादसाें की आशंका
सफीपुर। बाढ़ के चलते कटरी के रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। परियर से दबौली मार्ग, उडंक पुरवा व रूपपुर चंदेला के पास कट गया है। इसी प्रकार सनहा से गहोली मार्ग भी एतबारपुर के पास गिट्टियों में तब्दील हो गया है। उडंक पुरवा से लोनारी जाने वाले मार्ग पर भी कई जगहों पर कटान होने से आवागमन मुश्किल हो गया है। शेरपुर-मुरादपुर मार्ग पर कल्याणी नदी के पास मार्ग कट जाने से वाहन सवार गिर रहे हैं।
वर्जन…
सड़कें दुरुस्त कराने के लिए लोकनिर्माण विभाग को पत्र लिखा जा रहा है। डूबी फसलों का सर्वे कराकर सहायता दिलवाई जाएगी। स्वास्थ्य टीमें क्षेत्र में पहुंच कर जांच व दवा वितरण कार्य कर रही हैं।
शिवेंद्र वर्मा, एसडीएम सफीपुर।