कन्नौज में किशोरी के अपहरण के आरोपी युवक की तलाश में दबिश देने पहुंची पुलिस को देखकर छात्र नदी में कूद गया। चौकी प्रभारी ने किसी को सूचना भी नहीं दी और चुपचाप वहां से भाग गए। छात्र की काफी तलाश की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चला। मामले में कोतवाल समेत तीन निलंबित किए गए हैं।

पुलिस को देखकर नदी में कूदा छात्र – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
कन्नौज में किशोरी के अपहरण के आरोपी युवक की तलाश में पुलिस ने गांव में दबिश दी, तो वह नहीं मिला। इस पर पुलिस खेत पर पहुंची तो वहां मौजूद उसका छोटा भाई डर के कारण नदी में कूद गया। देर रात तक उसका पता नहीं चला। एसपी ने लापरवाही पर गुरसहायगंज कोतवाल, नौरंगपुर चौकी प्रभारी व एक सिपाही को निलंबित कर दिया। किशोर की तलाश में एसडीआरएफ को लगाया गया है।
रविवार सुबह दस बजे गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के नौरंगपुर चौकी प्रभारी हरीश यादव सिपाही रवींद्र कुमार के साथ देवीपुरवा में दबिश देने गए। वह घर पर नहीं मिला तो चौकी प्रभारी खेत पर पहुंचे, जहां किशनपाल का छोटा भाई धर्मवीर (17) पुत्र कमलेश कुमार काम कर रहा था।
पुलिस को देख वह काली नदी की तरफ भागा, तो पुलिसकर्मियों ने उसे दौड़ा लिया। डर की वजह से धर्मवीर ने नदी में छलांग लगा दी। पानी अधिक होने के कारण वह पुलिस के सामने ही डूब गया। चौकी प्रभारी ने किसी को सूचना भी नहीं दी और चुपचाप वहां से भाग गए।
आसपास खेतों में काम कर रहे लोगों ने जब पुलिस को इस घटना की सूचना पुलिस को दी तो तत्काल डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, एसपी विनोद कुमार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट वैशाली, सीओ सिटी अभिषेक प्रताप अजेय, सदर कोतवाल जितेंद्र प्रताप सिंह, तालग्राम थानाध्यक्ष शशिकांत कनौजिया मौके पर पहुंचे।
अफसरों ने तत्काल महादेवी घाट से सात गोताखोरों को बुलाकर धर्मवीर की तलाश कराई। दोपहर बाद कानपुर से एसडीआरएफ भी पहुंची और काली नदी में कई किलोमीटर तक सर्च ऑपरेशन चलाया। देर रात तक उसका कहीं पता नहीं चला।
कोतवाल समेत तीन निलंबित
धर्मवीर इंटरमीडिएट का छात्र है। एसपी ने तत्काल प्रभाव से गुरसहायगंज कोतवाल आलोक दुबे, नौरंगपुर चौकी प्रभारी हरीश यादव व सिपाही रवींद्र कुमार को निलंबित कर दिया। वहीं, काली नदी के तट पर हंगामा कर रहे ग्रामीणों को पुलिस ने खदेड़ दिया। देर रात पुलिस के आला अधिकारी मौके पर डटे हुए थे।
किशोर के नदी में कूदते ही उल्टे पैर भागे दरोगा व सिपाही
पुलिस की संवेदनहीनता से किशोर नदी में डूब गया। यदि उसी समय प्रयास किए जाते तो उसे सुरक्षित निकाला जा सकता था। छात्र के नदी में कूदते ही दरोगा और सिपाही उल्टे पैर भागे और चुपचाप चौकी पर पहुंच गए। इतनी बड़ी घटना की सूचना आला अफसरों को भी नहीं दी।
यहां तक कि कोतवाल को भी दबिश और किशोर के डूबने की घटना की जानकारी नहीं थी। इन्हीं आरोपों के चलते एसपी ने तीनों को निलंबित कर दिया। गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के देवीपुरवा गांव में नौरंगपुर चौकी प्रभारी हरीश यादव सिपाही रवींद्र कुमार को लेकर किशनपाल के घर दबिश देने पहुंचे थे।
दबिश की जानकारी उसने कोतवाल को नहीं दी थी। पुलिस के नियमानुसार कोतवाली में जीडी में बकायदा दबिश के लिए रवानगी दर्ज की जाती है और इसकी जानकारी सीओ व कोतवाल को दी जाती है। हरीश यादव ने सूचना नहीं दी और न ही जीडी में रवानगी दर्ज कराई थी।
किशनपाल घर पर जब नहीं मिला तो उसने सोचा कि यदि उसके छोटे भाई धर्मवीर को कोतवाली लाकर बिठा देंगे तो परिजन किशनपाल को लेकर आ जाएंगे। दरोगा का यह दांव उल्टा पड़ गया और इसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी।
वहीं, ग्रामीणों का कहना था कि दरोगा और सिपाही ने धर्मवीर को 500 मीटर तक दौड़ाया। पहले वह झाड़ियों में छिप गया। वह नदी की तरफ भागा, जब उसे लगा कि अब पुलिस पकड़ ही लेगी तो उसने नदी में छलांग लगा दी। गहराई और पानी का बहाव तेज होने के कारण वह डूब गया।
यह देखते ही दरोगा और सिपाही वहां से भाग खड़े हुए। यदि उसी समय प्रयास किया जाता, तो वह बच सकता था। पुलिस के जाने के बाद ग्रामीण वहां पहुंचे पर तब तक काफी देर हो चुकी थी। रात नौ बजे एसडीआरएफ ने सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया।
एसपी विनोद कुमार ने बताया कि सोमवार सुबह छह बजे से सर्च ऑपरेशन फिर से शुरू होगा। पूरे प्रकरण की जांच अपर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार को सौंपी गई है। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। डीएम आशुतोष कुमार अग्निहोत्री का कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पीड़ित परिवार को दिलाया जाएगा। इसके लिए एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं।
पांच भाइयों मे तीसरे नंबर का है धर्मवीर
देवीपुरवा निवासी धर्मवीर जाटव पांच भाइयों में तीसरे नंबर का है। सबसे बड़े भाई अवनीश की शादी हो चुकी है, वह पिछले कई साल से ससुराल में पत्नी व बच्चों के साथ रहता है। दूसरे नंबर का भाई किशनपाल है, जिसके ऊपर किशोरी के अपहरण का आरोप है। वह जनवरी से लापता है।
तीसरे नंबर का धर्मवीर है, जो पंचमलाल इंटर कॉलेज सियरमऊ जलालाबाद में इंटर में पढ़ता है। चौथे नंबर का भाई धरमपाल दिव्यांग है तो रामजी सबसे छोटा है। वह गांव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ता है। एक बहन किरन है, जिसकी चार माह पहले शादी हो चुकी है। पिता कमलेश कुमार की 10 साल पहले बीमारी से मौत हो चुकी है। मां अमरावती मेहनत मजदूरी करतीं हैं।
परिजनों व ग्रामीणों को पुलिस पर गुस्सा
घटना के बाद नौरंगपुर चौकी के सिपाही नदी के तट पर पहुंचे तो आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने सिपाहियों को दौड़ा लिया। इसके बाद सिपाही नहीं गए। परिजनों का आरोप है कि पुलिस के डर से ही धर्मवीर ने नदी में छलांग लगा दी। डीएम-एसपी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर ग्रामीण शांत हए।
10 जनवरी को गुरसहायगंज कोतवाली में दर्ज हुई थी रिपोर्ट
सीओ सिटी ने बताया कि 10 जनवरी को गुरसहायगंज कोतवाली में नौरंगपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी किशोरी के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसकी विवेचना नौरंगपुर चौकी प्रभारी हरीश यादव कर रहे थे।
किशोरी के परिजनों ने देवीपुरवा निवासी किशनपाल पर अपहरण का आरोप लगाया था, जबकि रिपोर्ट अज्ञात में थी। किशनपाल किशोरी के गांव में जल निगम की कार्यदायी संस्था के अंतर्गत ठेके पर पाइपलाइन बिछवाने का काम कर रहा था। इस घटना के बाद से किशनपाल भी फरार है। चार माह पहले वह छोटी बहन की शादी में भी घर नहीं आया था।
मां ने भी किया नदी में कूदने का प्रयास
घटना के बाद धर्मवीर की मां अमरावती भी काली नदी के तट पर पहुंच गई। वह रो-रोकर पुलिस पर आरोप लगा रही थी। गुस्से में आकर उसने भी नदी में छलांग लगाने का प्रयास किया तो सदर कोतवाल जितेंद्र प्रताप सिंह ने उसे पकड़ लिया और समझाया। वहीं, आक्रोशित ग्रामीणों ने हंगामा किया, जिसके चलते आसपास थानों से भी फोर्स बुला लिया। पुलिसकर्मियों ने हंगामा कर रहे तमाशबीनों भगा दिया।
किशोर की तलाश में एसडीआरएफ की टीम को लगाया गया है। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पीड़ित परिवार को दिलाया जाएगा। इसके लिए एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं।-आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, जिलाधिकारी
पुलिस के डर के कारण छात्र नदी में कूदा है। इस लापरवाही पर गुरसहायगंज कोतवाल आलोक दुबे, नौरंगपुर चौकी प्रभारी हरीश यादव व सिपाही रवींद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इंस्पेक्टर कपिल दुबे को प्रभारी निरीक्षक बनाया गया है।-विनोद कुमार, पुलिस अधीक्षक