
फोटो-11 बुजुर्ग मोहनलाल की मौत के बाद अस्पताल में बिलखती मृतक की पत्नी रजाता व बेटी गंगाजली। स्
उन्नाव। दिवाली और भाई दूज की छुट्टी के बाद शुक्रवार को जिला अस्पताल की ओपीडी पूरे समय के लिए शुरू हुई तो सुबह से ही मरीजों की भीड़ लग गई। पर्चा बनवाने से लेकर ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने तक मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। बुखार और सांस फूलने पर बुजुर्ग को परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। भीड़ के चलते उन्हें दो घंटे इलाज नहीं मिल पाया। ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने का नंबर आने से पहले ही उनकी मौत हो गई। रोते-बिलखते परिजन शव लेकर घर चले गए।
अचलगंज थाना क्षेत्र के गड़सर गांव निवासी मोहन लाल (70) की कई दिन से तबीयत खराब थी। शुक्रवार को सांस लेने में तकलीफ होने पर शुक्रवार सुबह 9:25 पर बेटी गंगाजली, भाई गंगासागर व पत्नी रजाता उनको लेकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचें। डॉक्टरों ने ओपीडी में दिखाने की सलाह दी। भाई गंगासागर पर्चा काउंटर की लाइन में लग गए। करीब 10 बजे पर्चा बन पाया।
इसके बाद ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने पहुंचे। यहां भीड़ अधिक होने से 11:30 बजे तक नंबर नहीं आ पाया। इसी बीच मोहनलाल की तबीयत और बिगड़ गई। बेटी और भाई स्ट्रेचर से लेकर इमरजेंसी पहुंचे। यहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। रोते- बिलखते परिजन सरकारी सिस्टम को कोसते हुए शव लेकर घर चले गए।
पहले पर्चा बनवाने की होड़ में धक्कामुक्की
जिला अस्पताल में शुक्रवार को 1947 मरीजों ने पर्चा बनवाया और ओपीडी में डॉक्टर को दिखाया। इनमें 745 वायरल फीवर और सर्दी-जुकाम से पीड़ित रहे। फिजीशियन डॉ. कौशलेंद्र प्रकाश ने मरीजों को देखा और दवा लिखते हुए सलाह दी। बताया कि बदलते मौसम में सावधानी जरूरी है। बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखने की जरूरत है। शरीर में पानी की कमी न होने दें, बुखार या जुकाम, खांसी होने पर नजदीकी सीएचसी, पीएचसी या जिला अस्पताल में दिखाएं। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोज औसतन 1200 से 1300 मरीज पहुंचते हैं लेकिन शुक्रवार को लगभग दोगुना मरीज पहुंचने से अव्यस्था रही।
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पैथोलॉजी में भी भीड़
ओपीडी में पहुंचने वाले बुखार और पेट दर्द के मरीजों को डॉक्टरों ने जांच कराने की सलाह दी। इससे पैथोलॉजी में भी भीड़ रही। सुबह आठ बजे के बाद ही पैथोलॉजी में सैंपल देने के लिए मरीजों की भीड़ लगना शुरू हो गई। 10 बजे तक अधिक भीड़ होने से सैंपल देने की लाइन में लगे मरीजों में धक्कामुक्की भी हुई। पैथोलॉजी में 137 मरीजों के सैंपल लिए गए। (संवाद)
वर्जन…
गंभीर मरीज को पहले देखने के निर्देश हैं। बुजुर्ग को पहले क्यों नहीं देखा गया। इसकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा जब इमरजेंसी में डॉक्टरों ने क्यों नहीं देखा, इसकी भी जांच होगी। लापरवाही मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. विवेक गुप्ता, एमएस, जिला अस्पताल।

फोटो-11 बुजुर्ग मोहनलाल की मौत के बाद अस्पताल में बिलखती मृतक की पत्नी रजाता व बेटी गंगाजली