
फोटो-21- फावड़े से सफाई कर हटवाई गईं जली व अधजली दवाएं। संवाद
सफीपुर। सीएचसी में दस बोरी दवाएं जला देने के मामले में डीएम ने सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। उन्होंने चीफ फार्मास्सिट को निलंबित करने का निर्देश दिया है। सीएमओ ने निदेशक पैरामेडिकल को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भेजकर चीफ फार्मसिस्ट को निलंबित करने की संस्तुति कर की है। डीएम ने जांच टीम में ए़डीएम (नवामिगंगे) को भी शामिल किया और विस्तृत जांच तीन दिन में पूरी करने को कहा है। सीएचसी अधीक्षक और चीफ फार्मासिस्ट को मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। डीएम ने बताया कि गंभीर प्रकरण है इसमे जो भी दोषी होंगे सभी पर सख्त कार्रवाई होगी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सफीपुर में रोज सबसे अधिक खपत होनी वाली दस बोरी दवाएं स्वास्थ्य कर्मियों ने शनिवार को जला दीं थीं। इन दवाओं में लेवोसेटिरिजिन टैबलेट, लिग्नोकेन जेल, पैरासीटामॉल टैबलेट और मेट्रोनाइडाजोल सिरप आदि प्रमुख दवाईयां शामिल थीं। हैरानी की बात यह है कि इनमें वह दवाएं भी हैं जिनकी एक्सपॉयरी डेट 2026 और 2027 लिखी है। जानकारी होने पर डीएम गौरांग राठी ने नाराजगी जताई और सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश को जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
शनिवार रात को ही एसीएमओ डॉ. आरके गौतम और डॉ. एचएन प्रसाद को सीएचसी भेजा गया। दोनों एसीएमओ ने मौके पर पहुंचकर दवाओं का सैंपल लिया और कर्मचारियों के बयान लिए थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट सीएमओ को रिपोर्ट दी। डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने दवाओं के रखरखाव के जिम्मेदार चीफ फार्मासिस्ट प्रेम शंकर को निलंबित करने के लिए पैरामेडिकल विभाग के निर्देशक को संस्तुति पत्र और प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भेजी है।
सफीपुर सीएचसी के अधीक्षक डॉ. राजेश वर्मा और चीफ फार्मासिस्ट प्रेमशंकर को मुख्यालय अटैच कर दिया। अधीक्षक की जिम्मेदारी फिलहाल डॉ. राम सहोदर और चीफ फार्मासिस्ट की जिम्मेदारी ओम नारायण को दी। डीएम ने बताया कि प्रकरण गंभीर है, इसमें किसी को बक्शा नहीं जाएगा। निष्पक्ष जांच के लिए टीम में एडीएम नमामिगंगे विधेश कुमार को भी शामिल किया है।
विभागीय कर्मियों की साजिश का शक
सीएमओ डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि घटना में कुछ विभागीय लोगों पर साजिश का भी शक है। हालांकि जांच में सबकुछ सामने आ जाएगा। उन्होंने बताया कि दवाएं अगर एक्सपायरी भी हैं तो उन्हें निस्तारित करने का एक नियम है, ऐसे ही आग नहीं लगा दी जाती है। बताया कि जांच अधिकारियों को मौके पर ऐसी भी दवाएं मिली हैं जो एक्सपायरी नहीं हैं। किसी ने जानबूझकर ये उपयोगी दवाएं तो नहीं जलाईं इस बिंदु पर भी जांच होगी।
मिटाए गए साक्ष्य
सीएचसी में 10 बोरी दवाएं जलाने के मामले में रविवार को सीएचसी अधीक्षक डॉ.राजेश पूरा दिन कार्यालय में मौजूद रहे। उनकी मौजूदगी में साक्ष्य मिटाने को लेकर दवाओं के ढे़र को परिसर के स्टोर रूम में शिफ्ट कर दिया गया। जबकि शनिवार रात एसीएमओ ने मौके पर पहुंच कर अधजली दवाओं का वीडियो भी बनाया था।
फार्मासिस्ट ने झाड़ा पल्ला
दवा जलाने के मामले में फार्मासिस्ट ओमनारायण व हंस कुमार, कुवर सिंह ने अपना पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि दवा वितरण का मेरा काम है, कितनी दवाएं बची, उनसे कोई कोई सरोकार नहीं होता है। बताया उनका स्टोर से काई मतलब नहीं है। इसलिए दवाएं कहां से आईं ये कुछ भी जानकारी नहीं है।

फोटो-21- फावड़े से सफाई कर हटवाई गईं जली व अधजली दवाएं। संवाद