एटीएस के मुताबिक फरहान अपने साथी नासी तोर्बा के साथ मिलकर कई कंपनियों का संचालन करता है। उस पर 11 करोड़ की फंडिंग का आरोप है।

आरोपी फरहान नबी। – फोटो : यूपी एटीएस।
यूपी एटीएस ने धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने के लिए विदेश से 11 करोड़ रुपए की फंडिंग जुटाने और बांग्लादेशी घुसपैठियों को पनाह देने के आरोप में दिल्ली निवासी फरहान नबी सिद्दीकी को शुक्रवार को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। वह भड़काऊ सामग्री वाली किताबों का प्रकाशन भी करता है और फंडिंग जुटाने वाली कंपनी इस्तानबुल इंटरनेशनल कंपनी का सह निदेशक है। इस रकम से यूपी के अमरोहा और पंजाब में मस्जिद और मदरसे बनाने के लिए जमीनों को खरीदा गया था।
एटीएस के मुताबिक फरहान अपने साथी नासी तोर्बा के साथ मिलकर कई कंपनियों का संचालन करता है। वह ग्रेटर नोएडा में भड़काऊ सामग्री वाली किताबों का प्रकाशन करने के साथ वितरित भी करा रहा था। वहीं तुर्की और जर्मनी से तमाम लोग आते थे, जिसकी सूचना पुलिस को नहीं दी जाती थी। उनकी कंपनियों में विदेश से हवाला एवं अन्य माध्यम से पैसा मंगाया जा रहा था।
दोनों अपने कई सहयोगियों के साथ इस्तानबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, हकीकत वाकफी फाउंडेशन, रियल ग्लोबल एक्सप्रेस लाजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड आदि कंपनियों का संचालन कर रहे थे। वहीं ग्रेटर नोएडा के कासना में हकीकत प्रिंटिंग पब्लिकेशन का इस्तेमाल धार्मिक एवं विभिन्न समूह के बीच शत्रुता एवं वैमनस्यता फैलाने वाली किताबों का प्रकाशन करने में कर रहे थे।
अवैध रूप से भारत आने वाले बांग्लादेशियों को फरहान नबी सिद्दीकी शरण दे रहा था। उसके पास से 2 मोबाइल, 3 लैपटॉप और हिंदी, उर्दू, अरबी, बांग्ला भाषा में प्रकाशित 12 किताबें बरामद की गई हैं। एटीएस ने इस मामले का मुकदमा दर्ज कर लिया है।