
उन्नाव। मौरंग और गिट्टी ढोने वाले ट्रक और डंपर मालिकों को व्हाट्सएप पर एआरटीओ और खनिज टीम की लोकेशन देने वाले गिरोह के सात सदस्यों को कानपुर एसटीएफ ने दबोचा है। गदनखेड़ा बाईपास से पकड़े गए आरोपियों में उन्नाव के दो, कानपुर के घाटमपुर के दो और एक हमीरपुर का है। गिरोह का सरगना उन्नाव का है। आरोपियों में उसका छोटा भाई भी शामिल है।
हमीरपुर, महोबा, बांदा, जालौन, चित्रकूट से मौरंग और गिट्टी से लदे ओवरलोड ट्रक और डंपराें का संचालन कराने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को कानपुर पुलिस की एसटीएफ ने बुधवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया। उन्नाव निवासी सरगना पुलिस को चकमा देकर निकल गया। कानपुर एसटीएफ के उपनिरीक्षक राहुल परमार ने सदर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है।
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बताया कि गिरोह के सदस्य व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर अवैध खनिज लदे वाहनों का संचालन कराते थे। चेकिंग पर निकले एआटरीओ प्रवर्तन और खनन विभाग की टीमों का कारों से पीछा करके लोकेशन व्हाट्सएप पर वाहन स्वामियों को देते हैं। एसआई राहुल सिंह परमार चार सदस्यीय टीम के साथ हाईवे स्थित जी स्कूल के पास पहुंचे। सदर कोतवाली पुलिस की मदद से सदर कोतवाली के मोहल्ला हिरन नगर निवासी नियाज अहमद उर्फ अमन, तारिक हुसैन, कानपुर के घाटमपुर कोतवाली के जवाहर नगर निवासी सुनील सचान, स्योंदी ललईपुर के प्रदीप सिंह और हमीरपुर जिले के मौदहा नारायण निवासी श्रीकृष्ण को गिरफ्तार किया। इनके पास से सात मोबाइल, दो कार, डंपर और 13,800 रुपये बरामद किए हैं।
कोतवाल संजीव कुशवाहा ने बताया कि एसटीएफ उपनिरीक्षक राहुल परमार की तहरीर पर इसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेजा है। बताया कि ये लोग दो साल से इस अवैध काम में लिप्त थे। सातों मोबाइल फोन में ऑनलाइन लेनदेन का ब्योरा भी मिला है।