Kanpur News: जांच एजेंसियों को दिल्ली विस्फोट के संदिग्ध डॉ. आरिफ मीर के एप्पल टैबलेट की जांच में, विस्फोट में मारे गए डॉ. उमर से गेमिंग एप के चैट के जरिए बातचीत होने के प्रमाण मिले हैं। साथ ही, उनके व्हाट्सएप में देश के नामी अस्पतालों के डॉक्टरों वाले कई ग्रुप भी मिले हैं, जिससे जांच का दायरा और बढ़ गया है।

डॉ. उमर और डॉ. आरिफ
कानपुर कार्डियोलॉजी के डॉ. आरिफ मीर की दिल्ली विस्फोट में मारे गए डॉ. उमर से गेमिंग एप के जरिये बातचीत होती थी। यह जानकारी जांच एजेंसियों को उसके एप्पल के टैबलेट की जांच के बाद हुई। डॉ. आरिफ के वॉट्सएप में कई ग्रुप भी मिले हैं, जिनमें देश के नामी सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर जुड़े हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए, एटीएस और यूपी एसटीएफ की विशेष टीम ने डॉ. आरिफ मीर को उठाने के साथ ही उसके कमरे से टैबलेट और दो मोबाइल भी कब्जे में लिए थे। एक मोबाइल डॉ. आरिफ के साथ पहले ही मिल गया था। तीन मोबाइल में से एक की-पैड वाला मोबाइल है।

डॉ. आरिफ के फ्लैट में लगा ताला
कई की व्यक्तिगत चैट और वाइस कॉल भी
सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों को डॉ. आरिफ मीर के टैबलेट में कई गेमिंग एप हैं, जिसमें डॉ. उमर के साथ बातचीत होने के प्रमाण मिले हैं। इस एप से जुड़े हुए लोगों की तलाश की जा रही है। डॉ. आरिफ के वॉट्सएप नंबर में कई ग्रुप मिले हैं। इसमें देश के नामी अस्पतालों के डॉक्टरों के नंबर हैं। कई की व्यक्तिगत चैट और वाइस कॉल भी है। टीम ने उन अस्पतालों से भी जानकारी जुटा रही है।

डॉ. आरिफ का फ्लैट
सभी डॉक्टरों, रेजीडेंट और कर्मियों का डाटा ले गई जांच एजेंसी
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टरों, रेजीडेंट और कर्मचारियों का डाटा जांच एजेंसी ले गई है। जांच एजेंसी ने उन फैकल्टी की जानकारी जुटाई जो बिना सूचना दिए मेडिकल कॉलेज को छोड़कर चले गए। टीम को कॉलेज की ओर से आठ ऐसे फैकल्टी की जानकारी दी गई, जिन्होंने 2006 या इसके बाद मेडिकल कॉलेज ज्वाइन किया और बाद में बिना जानकारी दिए छोड़कर चले गए।

डॉ. आरिफ का आधार कार्ड
बिना सूचना नौकरी छोड़कर जाने वालों की भी जुटाई जानकारी
इन डॉक्टरों को 2021 में शासन ने डॉ. शाहीन के साथ बर्खास्त भी कर दिया था। टीम का जोर इनकी अधिक से अधिक जानकारी जुटाने में रहा। इसके अलावा मेडिकल काॅलेज से 55 क्लर्क सहित 275 कर्मचारी, 240 फैकल्टी, 525 रेजीडेंट, करीब 1200 एमबीबीएस स्टूडेंट की जानकारी टीम को कॉलेज प्रबंधन ने दी है। टीम ने इनके नाम, पिता का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिए हैं।

डॉ. आरिफ के संबंध में जानकारी देते कार्डियोलॉजी के डॉक्टर
कॉर्डियोलॉजी में फैकल्टी-छात्रों का विजिलेंस वेरिफिकेशन भी होगा
कार्डियोलाजी में भी निदेशक प्रो. राकेश वर्मा की ओर से सभी फैकल्टी, सीनियर, जूनियर इंटर्न की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके लिए शुक्रवार को निदेशक की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई। इसमें डॉ. उमेश्वर पांडेय, डॉ. नीरज, डॉ. माधुरी और सीएमएस डॉ. ज्ञानेंद्र शामिल हैं। कमेटी अपने स्तर से छात्रों के प्रपत्रों की जांच करेगी। इसके बाद पुलिस वेरिफिकेशन और फिर विजिलेंस वेरिफिकेशन भी किया जाएगा।