Kanpur: गंगा के समानांतर बनेगी रोड…शुक्लागंज से जुड़ेगा अटल घाट, पीएम मोदी के सामने आया था पहला प्रस्ताव

Kanpur News: गंगा किनारे एक लंबी सड़क के बन जाने से वीआईपी राेड पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। साथ ही, गंगा किनारे सुंदरीकरण के साथ कई और काम भी रिवरफ्रंट योजना के तहत किए जाएंगे। यह परियोजना लंबे समय से प्रस्तावित है।

Kanpur A road will be built parallel to the Ganges Atal Ghat will be connected to Shuklaganj

अटल घाट, कानपुर 

कानपुर में 12 साल बाद फिर से गंगा किनारे रिवर फ्रंट बनाए जाने की योजना को रफ्तार देने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बार इसका स्वरूप नया होगा। रिवर फ्रंट के साथ गंगा के किनारे-किनारे एक दूसरा वीआईपी राेड बनाया जाएगा। शुक्लागंज से अटलघाट को जोड़ा जाएगा। शासन स्तर से इस दूरगामी सोच के साथ जल्द ही इस योजना का डीपीआर तैयार करने की कवायद शुरू की जाएगी। दो दिन पहले शासन की बैठक में शहरों में नदियों के किनारे रिवरफ्रंट बनाए जाने की योजना में तेजी लाने का निर्देश दिया गया था।

योजना के तहत शुक्लागंज से लेकर अटल घाट तक साढ़े आठ किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का प्रस्ताव है। फिलहाल इसको कई चरणों में बनाने की योजना है। सबसे पहले इसे शुक्लागंज से जाजमऊ, दूसरे चरण में बिठूर से परियरपुल तक बनाया जाएगा। इसी तरह पूरी सड़क बनने के साथ ही इसे कई जगहों से वर्तमान वीआईपी राेड से जोड़ा जाएगा। इसके लिए अटल घाट, सरसैया घाट, परमट से जोड़ने की योजना पर काम किया जा रहा है। मंडलायुक्त के निर्देशन में यह सभी काम किए जाने हैं।

पीएम मोदी के सामने 2019 में आया था पहला प्रस्ताव
नमामि गंगे के तहत 2019 में राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक कानपुर में हुई थी। उस दाैरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस बैठक में माैजूद थे। कल्याणपुर विधायक नीलिमा कटियार ने गंगा के घाटों और यहां पर रिवरफ्रंट विकसित करने का प्रस्ताव पीएम के सामने रखा था। उनके बाद नीलिमा 2023 में विधानसभा सदन के सामने भी इसे रखा जिसमें अटल घाट, रानी, मैगजीन घाट, तिवारी घाट और भैराेघाट का सुंदरीकरण करने और रिवरफ्रंट बनाने की बात कही थी। विधायक के अनुसार अब जाकर यह परियोजना आकर लेने लगी है।

गंगा किनारे एक लंबी सड़क के बन जाने से वीआईपी राेड पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। साथ ही गंगा किनारे सुंदरीकरण के साथ कई और काम भी रिवरफ्रंट योजना के तहत किए जाएंगे। यह परियोजना लंबे समय से प्रस्तावित है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक टीम बिहार की राजधानी पटना भी गई थी। टीम ने वहां बने रिवरफ्रंट का अध्ययन किया था।  -नीरज श्रीवास्तव, समन्वयक, उच्च स्तरीय विकास समिति

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