
नकली करेंसी के साथ गिरफ्तार आरोपी देवेंद्र अहिरवार
जेल में दो शातिरों में जुगलबंदी हुई और दोनों ने नकली नोटों का काला कारोबार शुरू करने की साजिश रच डाली। कोतवाली कुलपहाड़ पुलिस ने सोमवार को एक आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से 2.62 लाख के भारतीय नकली नोट बरामद किए गए। इनमें 200 के 684 व 100 रुपये के 1252 नाेट मिले। आरोपी ने बताया कि गाजीपुर जिले का अंकुर उसे नकली करेंसी उपलब्ध कराता था। पुलिस ने मुख्य आरोपी की धरपकड़ के लिए दो टीमें गठित की हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक वंदना सिंह बताया कि कोतवाली कुलपहाड़ प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह को कस्बे के बाजार में एक व्यक्ति के नकली नोट चलाने के संबंध में सूचना मिली थी। पुलिस ने बेलाताल रेलवे स्टेशन के पास चेकिंग के दौरान देवेंद्र अहिरवार निवासी आरी जनपद महोबा को पकड़ा। तलाशी लेने पर आरोपी के पास से 2.62 लाख रुपये के नकली नोट मिले।
100 व 200 रुपये के यह नोट आरोपी देवेंद्र बाजार में चलाने के लिए लेकर आया था। आरोपी ने बताया कि गाजीपुर निवासी अंकुर कुमार ने उसे नकली नोट बाजार में चलाने के लिए दिए थे। पुलिस ने देवेंद्र को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया जबकि फरार आरोपी अंकुर की तलाश की जा रही है। अपर एसपी ने बताया कि आरोपी अंकुर की तलाश के लिए सीओ के नेतृत्व में एसओजी व थाना कुलपहाड़ पुलिस की दो अलग-अलग टीमें लगाई गई है। जल्द ही आरोपी अंकुर को गिरफ्तार करके इस कारोबार की तह तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा।
जेल में अंकुर से हुई थी दोस्ती, फिर शुरू किया काला कारोबार
नकली करेंसी के काले कारोबार का मास्टरमाइंड अंकुर कुमार निवासी ग्राम हाटा थाना मोहम्मदाबाद जनपद गाजीपुर फरार चल रहा है। अंकुर 2024 में भी नकली नोट के मामले में जेल जा चुका है। उसके पास से 15 लाख के नकली नोट बरामद किए गए थे। पूछताछ में अंकुर ने पुलिस को बताया था कि यूट्यूब से उसने नकली नोट बनाने का तरीका सीखा था और फिर कंप्यूटर, प्रिंटर, मोबाइल के माध्यम से खुद ही नकली नोट प्रिंट करने लगा। पुलिस ने उसे महोबा जेल पहुंचाया। इसी जेल में देवेंद्र अहिरवार भी उस समय बंद था। इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई और अंकुर कुमार ने नकली नोटों के कारोबार के बारे में पहली बार देवेंद्र को बताया था। अब पुलिस गिरफ्त में आए देवेंद्र ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि पकड़े गए सभी नोट अंकुर ने ही बाजार में चलाने के लिए उसे उपलब्ध कराए हैं।
100-200 के नोट कोई चेक नहीं करता
आरोपी देवेंद्र के पास से सभी नोट 100 व 200 रुपये के ही थे। पूछताछ में बताया कि 500 रुपये का नोट असली होने के बाद भी लोग कई बार चेक करते हैं क्योंकि अधिकांश लोगों को 500 रुपये के नकली नोट बाजार में होने की जानकारी है जबकि 100 और 200 रुपये के नोट लेते समय कोई व्यक्ति चेक नहीं करता है। लोग इन नोटों को असली ही मानते हैं, इसलिए यह नोट बाजार में चलाने में आसानी होती है। पुलिस का कहना है कि बरामद नोटों को देखकर लगता है कि यह प्रिंटिंग मशीन से प्रिंट किए गए है। इनमें असली नोटों की तरह ज्यादा सफाई नहीं है। अब अंकुर के पकड़े जाने के बाद ही नकली नोट के असली स्रोत और प्रिंटिंग करने वालों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।