US: ट्रंप प्रशासन ने अब तक रद्द किए 85,000 अमेरिकी वीजा, कई भारतीय H-1B आवेदकों का इंटरव्यू टला; गहराया संकट

अमेरिका में वीजा नीति को लेकर ट्रंप प्रशासन लगातार अपना सख्त रूप दिखा रहा है। इसके तहत एक तरफ जहां प्रशासन ने जनवरी 2025 से लेकर अभी तक 85000 वीजा रद्द कर दिए है।वहीं दूसरी तरह अब नई सोशल मीडिया वेटिंग नीति के कारण भारत  में एच-1बी वीजा आवेदकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई इंटरव्यू मार्च 2025 तक स्थगित कर दिए गए हैं।

US Visa Policy Trump administration illegal immigration revoking more than 85,000 visas since January

अमेरिका की वीजा नीति – फोटो : ANI

अमेरिका की वीजा नीति को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार सख्त कदम उठा रहे है। इसके चलते कई देशों के वीजा आवेदकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बात को ऐसे समझा जा सकता है कि एक तरफ जहां प्रशासन ने जनवरी 2025 से लेकर अभी तक दुनियाभर के 85,000 वीजा रद्द कर दिए, तो दूसरी तरफ अब एच-1बी वीजा की जांच को और सख्त करने के लिए ट्रंप प्रशासन के सोशल मीडिया को सार्वजनिक करने के फैसले को लेकर बातचीत तेज हो गई है। ट्रंप प्रशासन के इस कदम से खासकर भारत में एच-1बी वीजा आवेदकों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कारण है कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से कई वीजा इंटरव्यू अगले साल तक स्थगित कर दिए गए हैं। 

अमेरिकी दूतावास ने दी चेतावनी
मामले में अमेरिकी दूतावास ने मंगलवार रात वीजा अप्लिकेंट्स को सलाह दी कि अगर उन्हें अपॉइंटमेंट रद्द होने का ईमेल मिला है, तो नए तारीख पर सहायता उपलब्ध रहेगी। इतना ही नहीं अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर चेताया है कि पूर्व निर्धारित अपॉइंटमेंट पर आने वाले वीजा आवेदकों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, दिसंबर के मध्य से अंत में होने वाले इंटरव्यू मार्च 2025 तक टाल दिए गए हैं, हालांकि अभी तक रद्द या स्थगित इंटरव्यू की संख्या स्पष्ट नहीं है।

सोशल मीडिया सार्वजनिक करने का मामला
एक प्रमुख बिजनेस इमीग्रेशन लॉ फर्म के वकील स्टीवन ब्राउन ने मामले में कहा कि नई व्यवस्था के तहत सोशल मीडिया प्रोफाइल सार्वजनिक करने की जरूरत है। अमेरिकी अधिकारी अब आवेदकों की ऑनलाइन गतिविधियों की समीक्षा करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई व्यक्ति अमेरिका की सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा तो नहीं है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हर वीजा निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा का निर्णय है।

एच-1बी वीजा को लेकर ट्रंप प्रशासन की सख्त नीति
बता दें कि  ट्रंप प्रशासन के द्वारा उठाया गया यह कदम एच-1बी प्रोग्राम पर बढ़ती निगरानी का हिस्सा है, जो अमेरिका में कुशल विदेशी कर्मचारियों के लिए प्रमुख इमीग्रेशन मार्ग है। इसके पहले सितंबर में राष्ट्रपति ट्रंप ने नए एच-1बी वीजा पर एक बार का $1,00,000 लगभर (लगभग 88 लाख रुपये) शुल्क लगाया था। इसके अलावा, अमेरिका ने कुछ देशों से आने वाले लोगों के लिए ग्रीन कार्ड, नागरिकता और अन्य इमीग्रेशन एप्लिकेशन को भी रोक दिया है, खासकर तब जब अफगान मूल के एक व्यक्ति ने नेशनल गार्ड सैनिकों पर हमला किया था।

जनवरी से अब तक 85,000 से ज्यादा वीजा किए रद्द
दूसरी ओर अमेरिका की ट्रंप प्रशासन ने जनवरी से लेकर अभी तक 85000  से ज्यादा वीजा रद्द कर दिए है। इस बात की जानकारी अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने बताया कि जनवरी 2025 से अब तक 85,000 वीज़ा रद्द किए जा चुके हैं। विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो कड़े इमीग्रेशन नियमों को लागू करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उनका एक ही लक्ष्य है अमेरिका को ज्यादा सुरक्षित बनाना। 

यह फैसला ट्रंप प्रशासन की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत देश में आने-जाने वाले लोगों पर पहले से ज्यादा कड़ी नजर रखी जा रही है। रद्द किए गए वीजाओं में 8,000 से ज्यादा वीजा छात्रों के थे। इनमें शराब पीकर गाड़ी चलाना (डीयूआई), चोरी और हमला जैसे अपराध मुख्य वजह रहे। इन तरह के अपराध पिछले एक साल में लगभग आधे वीजा रद्द करने के लिए जिम्मेदार रहे। हालांकि, बाकी वीजा क्यों रद्द किए गए, इस बारे में अभी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।

विवादित मामलों में भी वीजा रद्द
इतना ही नहीं ट्रंप प्रशासन ने कुछ विवादित मामलों में भी वीजा रद्द किए हैं। इसके तहत कंजर्वेटिव कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या पर कथित जश्न मनाने वाले लोगों के वीजा अक्तूबर में रद्द किए गए थे। इसके साथ ही गाजा संघर्ष को लेकर हुए छात्र प्रदर्शनों में शामिल विदेशी छात्रों को भी कड़ी जांच का सामना करना पड़ा है।

लगातार निगरानी वाली नई व्यवस्था
गौरतलब है कि बीते अगस्त में विदेश विभाग ने अपनी योजना बताई थी कि अब अमेरिका सभी 5.5 करोड़ से अधिक वीजा धारकों की लगातार जांच करेगा। यानी, वीजा मिलने के बाद भी व्यक्ति की गतिविधियों और पृष्ठभूमि पर लगातार नजर रखी जाएगी।

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