Unnao News: एक्सप्रेसवे पर डीसीएम पलटी, 10 वाहन भिड़े, बस चालक की मौत

DCM overturns on expressway, 10 vehicles collide, bus driver killed

फोटो-11- घटना के बाद एक्सप्रेसवे पर रेंगते वाहन। संवाद

गंजमुरादाबाद। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह सात बजे गौरियाकला गांव के पास डायवर्जन इंट्री पाॅइंट पर टाइल्स लदी डीसीएम डिवाइडर पर चढ़कर पलट गई। कोहरा अधिक होने से पीछे से कंटेनर समेत 10 वाहन उसी से टकरा गए। क्षतिग्रस्त कंटेनर में पीछे से स्लीपर बस भिड़ गई। हादसे में बस चालक की मौत हो गई जबकि छह लोग घायल हुए हैं। हादसे के बाद एक्सप्रेसवे पर डेढ़ घंटे यातायात प्रभावित रहा।

मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहा गंगा एक्सप्रेसवे बांगरमऊ क्षेत्र के शादीपुर और गौरियाकला गांव के बीच से गुजर रहा है। यहीं से आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे भी निकला है। गौरियाकला के पास दोनों एक्सप्रेसवे क्रॉस करते हैं। यहां इंटरचेंज (उतार चढ़ाव का स्थान) बनाया जा रहा है। छह माह से यहां पर डायवर्जन लागू है। वाहनों को एक ही लेन से निकाला जा रहा है।

टाइल्स लेकर सीतापुर के नैमिषारण्य जा रहा डीसीएम चालक राजस्थान के जिला दौसा थाना सिकंदरा के फारसपुरा निवासी गुड्डू (35) कोहरा घना होने से डायवर्जन प्वाइंट पर डिवाइडर देख नहीं पाया जिससे डीसीएम का पहिया डिवाइडर पर चढ़ गया। इससे डीसीएम अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में गुड्डू और गांव का ही क्लीनर महेंद्र (30) घायल हो गया। इसी दाैरान पीछे आ रहा कंटेनर दुर्घटनाग्रस्त डीसीएम से भिड़ गया। कंटेनर में जयपुर से 60 सवारियां लेकर लखनऊ जा रही स्लीपर बस भी टकरा गई। हादसे में राजस्थान के धौलपुर निवासी स्लीपर बस चालक जितेंद्र कुमार (50) की मौत हो गई जबकि परिचालक मध्य प्रदेश के मुरैना निवासी हरिओम (30) और तीन सवारियां लखनऊ के कृष्णानगर गली नंबर एक निवासी जितेंद्र (54), गोरखपुर के एयरफोर्स स्टेशन रोड निवासी धनराज (36) व लखनऊ के आलमबाग मवइया निवासी शशी (56) घायल हो गईं।

बाद में कार सहित छोटे-बड़े 10 वाहन भिड़ गए। यूपीडा की रेस्क्यू टीम ने वाहनों को एक्सप्रेसवे से किनारे कराया और घायलों को एंबुलेंस से औरास सीएचसी भिजवाया जहां से सभी को लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है। बस चालक के छोटे भाई उपनिरीक्षक शिवम चौधरी ने बताया कि जितेंद्र ने 15 अगस्त से स्लीपर बस चलाना शुरू किया था। भाई की पत्नी सुधा, बेटी नेहा और बेटा सचिन है। बेहटामुजावर थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार ने बताया कि डीसीएम पलटने के बाद 10 वाहन पीछे से टकराए थे। बस चालक की मौत हुई है। बस की सवारियों को दूसरे वाहन से भेजा गया है।
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फोटो- 9 बस चालक जितेंद्र कुमार (फाइल फोटो)।

10- स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती बस का परिचालक हरिओम। संवाद

11- घटना के बाद एक्सप्रेसवे पर रेंगते वाहन। संवाद

12- कोतवाली पहुंचा बस चालक का भाई उपनिरीक्षक शिवम चौधरी। संवाद

13- क्षतिग्रस्त वाहन को हाईड्रा से हटवाते कर्मी। संवाद
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अवैध कट, टूटी बैरिकेडिंग दे रही एक्सप्रेसवे पर हादसों को दावत

फोटो-17-लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर खड़े वाहन। संवाद

18-लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की टूटी जाली। संवाद

19-एक्सप्रेसवे पर सड़क घेरकर खड़े ट्रक। संवाद

-सर्दी बढ़ने के साथ कोहरा गिरना शुरू लेकिन व्यवस्थाएं ध्वस्त

-जगह-जगह एक्सप्रेसवे पर अवैध रूप से खड़े रहते हैं वाहन

संवाद न्यूज एजेंसी

गंजमुरादाबाद। सर्दी बढ़ गई है। सुबह-शाम कोहरा गिरने लगा है लेकिन जिम्मेदारों ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा के इंतजाम दुरुस्त नहीं किए हैं। अवैध कट, टूटी बैरिकेडिंग और जगह-जगह एक्सप्रेसवे पर अवैध रूप से खड़े वाहन हादसों को दावत दे रहे हैं।

बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र से लेकर थाना बेहटामुजावर की सीमा तक करीब 40 किलोमीटर की दूरी तक 14 अवैध कट बने हुए हैं जिसमें सबसे प्रमुख हवाई पट्टी के पास ग्राम खंभौली के सामने बना कट परेशानी का सबब बना हुआ है। इसके अलावा जोगीकोट, रसूलपुर रूरी, हैबतपुर, नसिरापुर, रघुरामपुर, बहलोलपुर, सिरधरपुर, गहरपुरवा में बने अवैध कट से ग्रामीणों का आवागमन होता है। कई स्थानों पर बैरिकेडिंग और सुरक्षा जाली भी टूटी हुई है। इससे एक्सप्रेसवे पर छुट्टा जानवर आसानी से पहुंचते हैं। इसके अलावा संकेतक न लगे होने से भी हर समय हादसों का खतरा बना रहता है। आने वाले समय में कोहरा जब और घना होगा तो गंभीर हादसों से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

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कई स्थानों पर हैं दुर्घटना पाइंट

एक्सप्रेसवे पर गहरपुरवा, देवखरी, जोगीकोट, गौरिया कला, बहलोलपुर और खंभौली इत्यादि गांवों के सामने एक्सीडेंट पाइंट माने जाते हैं। यहां सबसे अधिक हादसे होते हैं। इस समय कोहरे का कहर बढ़ता जा रहा है जिससे यहां पर दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ती जा रही है। यहां पर आड़े-तिरछे खड़े होने वाले वाहन भी हादसों को न्योता देते हैं।—-

अवैध कटों को समय-समय पर बंद किया जाता है लेकिन ग्रामीण अपनी सुविधा के लिए खोल देते हैं। वाहनों के पलटने से बैरिकेडिंग और सुरक्षा जाली टूट जाती है। इनको भी दुरुस्त किया जाता है। एक्सप्रेसवे पर अकारण खड़े होने वाले वाहनों को यूपीडा और पीआरवी हटाती रहती है। वाहनों के चालान भी किए जाते हैं। कोहरे के दौरान एहतियातन यूपीडा और पीआरवी को सतर्क रहने के निर्देश दिए जाते हैं। – एके चंदेल, सुरक्षा अधिकारी, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे

फोटो-11- घटना के बाद एक्सप्रेसवे पर रेंगते वाहन। संवाद

फोटो-11- घटना के बाद एक्सप्रेसवे पर रेंगते वाहन। संवाद

फोटो-11- घटना के बाद एक्सप्रेसवे पर रेंगते वाहन। संवाद

फोटो-11- घटना के बाद एक्सप्रेसवे पर रेंगते वाहन। संवाद

फोटो-11- घटना के बाद एक्सप्रेसवे पर रेंगते वाहन। संवाद

फोटो-11- घटना के बाद एक्सप्रेसवे पर रेंगते वाहन। संवाद

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