
फोटो-10- माइनर की कटी खांदी को बंद करने का प्रयास करते ग्रामीण। संवाद
चकलवंशी। पानी छोड़े जाते ही माइनरों के उफनाने और खांदी कटने की घटनाएं शुरू हो गईं हैं। चकलवंशी क्षेत्र की दो माइनरों में दो स्थानों पर खांदी कटने से करीब 70 बीघा फसल जलमग्न हो गई। किसानों से फसल बचाने के लिए खुद खांदी की मरम्मत की।
तहसील सफीपुर क्षेत्र की शारदा नहर मुख्य ब्रांच से रामपुर और मेथीटीकुर माइनर निकला है। गोपालपुर से नहर के दोनों ओर माइनर निकलते हैं। एक तरफ रामपुर और दूसरी ओर मेथीटीकुर माइनर है। बुधवार को पानी आते ही दोनों माइनर उफना गए और दो जगह खांदी कट गई। इससे मेथीटीकुर के अजय शुक्ला, प्रसादी, मेहरवानखेड़ा के रामनरायन, सरवन, गंगाप्रसाद, कन्हैया खेड़ा के अजय शुक्ला, रघुवीर, जगदेव, रमेश, नत्था, अयोध्या, मोहन, रज्जन, कमलेश, शिवबालक, शिवपाल, रामचरन, संजय ओमप्रकाश, प्रेम, विनोद, रामचरन, गुरुप्रसाद आदि किसानों की 70 बीघा फसलें जलमग्न हो गई।
किसानों का कहना है सिंचाई के लिए निर्बाध पानी पहुंचे इसके लिए सिंचाई विभाग हर साल लाखों रुपये नहरों और माइनरों की सफाई में खर्च करता है। भ्रष्टाचार के चलते सिल्ट सफाई में औपचारिकता निभाई जाती है। इससे पानी छोड़े जाने पर खांदी कटने फसलें जलमग्न हो जाती है। अवर अभियंदा ज्ञानेंद्र अवस्थी ने बताया कि रामपुर माइनर की खांदी ठीक कर दी गई है। मेथीटीकुर माइनर की खांदी की मरम्मत कराई जा रही है।