Jalaun News: छुट्टी पर आए फौजी की करंट लगने से मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।
उरई के मुहम्मदाबाद में निर्माणाधीन मकान की हौद में पानी का छिड़काव करते समय फौजी की करंट लगने से मौत हो गई। मकान की दूसरी मंजिल पर काम कर रहे मजदूर जब नीचे उतरे तो फौजी को हौद में पड़ा देख खलबली मच गई। जानकारी पर पुलिस व परिजन मौके पर पहुंचे, पुलिस ने परिजनों को जानकारी देते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फौजी 15 दिन पहले छुट्टी पर आया था।
डकोर कोतवाली क्षेत्र के कहटा गांव निवासी तुलसीराम यादव का 27 वर्षीय बेटा रामनरेश यादव फौज में था। इस वक्त वह 25वीं बटालियन राज रायफल में जम्मू कश्मीर में तैनात था। 15 दिन पहले वह एक महीने की छुट्टी लेकर घर आया था। जहां कुछ समय पहले उरई कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला अजनारी रोड स्थित लल्ला धाम के पास प्लाट का निर्माण करा रहा था। बुधवार को भी वह निर्माणाधीन मकान में चल रहा काम देखने आया था। इसी दौरान वह मकान के हौद में उतरकर पानी का छिड़काव कर रहा था। तभी मोटर की केबल से करंट लग गया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मकान की दूसरी मंजिल पर काम कर रहे मजदूर जब नीचे उतरे तो फौजी को हौद में मृत पड़ा देख सन्न रह गए। जानकारी पर परिजन भी मौके पर पहुंच गए। चाचा करन सिंह ने बताया कि वह एक माह की छुट्टी लेकर घर आया था। वह दो भाइयों में सबसे बड़ा था। उसकी मौत से मां ऊषा देवी, पत्नी अर्चना यादव सहित अन्य परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। सीओ गिरजाशंकर त्रिपाठी ने बताया कि मौत की दुखद खबर की सूचना मिलते ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। जांच पड़ताल की जा रही है।
छह माह पहले हुई थी शादी
फौजी रामनरेश यादव की 7 दिसंबर 2023 को हमीरपुर जिले के टोला निवासी अर्चना के साथ शादी हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद ही वहड्यूटी पर चला गया था। 15 दिन पहले ही वह छुट्टी पर घर आया था। रामनरेश के आने से घर के सभी लोग खुश थे, लेकिन बुधवार को जैसे ही उसकी मौत की सूचना मिली तो घर में कोहराम मच गया। पत्नी अर्चना बेसुध होकर गिर पड़ी, उसके मुंह से बस यहीं निकल रहा था कि अब उसका क्या होगा। उसकी मौत से गांव में मातम पसरा है।
सुबह पहुंच गए बटालियन के साथी, सभी की आंखें नम
रामनरेश यादव जम्मू कश्मीर में 25वीं बटालियन राज रायफल में नायक के पद पर तैनात था। छुट्टी पर आने से वह अपने साथियों से बोला कि छुट्टी खत्म होने के बाद जल्द ही वापस आऊंगा। लेकिन बुधवार की रात जब अधिकारियों ने रामनरेश की मौत की खबर साथियों को सुनाई तो सभी की आंखें नम हो गई। उसकी बटालियन के साथी गांव आ गए और राजकीय सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार कर किया गया। इस दौरान हर व्यक्ति गमगीन नजर आ र