कानपुर में स्टैंड संचालक हरिकरन की हत्या के पीछे की मुख्य वजह बाईपास स्थित अवैध स्टैंड पर कब्जा भी हो सकता है। स्टैंड के चालकों ने बताया कि स्टैड से करीब डेढ़ लाख रुपये प्रति माह की वसूली होती है। यही वजह है कि करन के परिजनों ने सौरभ के अलावा पांच-छह अज्ञात लोगों के खिलाफ भी तहरीर दी है।
ये अज्ञात वे लोग भी हो सकते हैं, जिनकी नजर इस अवैध स्टैंड पर लगी थी। चालकों के मुताबिक सौरभ व करन के बीच कुछ दिन पहले लेनदेन को लेकर भी विवाद हुआ था। स्टैंड से होने वाली वसूली का का एक हिस्सा स्टैंड चलवाने की जिम्मेदारी लेने वालों की जेब में भी जाता है।..
यह हिस्सा माह की 15 तारीख तक देना ही होता है। करीब डेढ़-दो माह पहले करन ने सौरभ को स्टैंड में अपना साझेदार बनाया और 15 तारीख का पहला हिस्सा भी सौरभ से ही दिलवाया था। इसके बाद सौरभ को साझेदारी से निकाल दिया क्योकि तब तक सौरभ वसूली का हिस्सा जिम्मेदारों को दे चुका था।
जांच में पता चल सकेगा, पर्दे के पीछे और कौन-कौन लोग हैं
इसी रकम की वापसी के लिए सौरभ ने कुछ दिन पहले स्टैंड पर हरिकरन से मारपीट भी की थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इस विवाद के साथ ही स्टैंड पर कब्जे की साजिश ने भी जन्म लिया। चालकों की मानें, तो भले ही करन की मौत के बाद कुछ दिन के लिए स्टैंड बंद हो जाए, लेकिन खत्म होना मुश्किल है। लिहाजा कोई न कोई तो स्टैंड का संचालन करेगा। सौरभ को मोहरा बनाकर पर्दे के पीछे और कौन-कौन लोग हैं, यह तो पुलिस की जांच में पता चल सकेगा।
हत्या के बाद भी चलता रहा अवैध स्टैंड
पुलिस नौबस्ता बाईपास के स्टैंड को अवैध भी बता रही है और उस पर इस कदर मेहरबान भी है कि हरिकरन की हत्या के बाद भी स्टैंड का संचालन देर शाम तक बंद नहीं हुआ। रोज की तरह देर शाम तक भी ओमनी चालक घाटमपुर, हमीरपुर और भरुआ तक की सवारियां ढोते रहे।
सुबह के बाद करन का मिलना मुश्किल था
स्टैंड में सभी को पता था कि हरिकरन रोजाना सुबह पांच से छह के बीच स्टैंड आता था और ठीक नौ बजे वापस लौट जाता था। स्टैंड की दिन भर की वसूली केयर टेकर राजू करता था। शाम को किसी वक्त आकर हरिकरन राजू से हिसाब से कर जाता था। यही कारण है कि सौरभ ने सुबह साढ़े आठ बजे के आसपास वारदात को अंजाम दे दिया।
15 दिन पहले भी दोनों पर हुई थी शांति भंग की कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक स्टैंड पर गाड़ी का पहले नंबर लगाने और सवारियां बैठाने को लेकर स्टैंड संचालक व वैन वालों में विवाद होता रहता है। 15 दिन पहले इसी बात को लेकर हत्यारोपी और स्टैंड संचालक का विवाद हुआ था। मामला पुलिस तक पहुंचा था, तब पुलिस ने दोनों के खिलाफ शांति भंग धारा में कार्रवाई की थी।
मृतक हरिकरन सिंह वाहन चलवाने के साथ ही स्टैंड का भी संचालन करते थे। उनका कुछ समय पहले और गुरुवार को वैन स्टैंड संचालन, पहले गाड़ी का नंबर लगाने व सवारियां बैठाने को लेकर कुछ लोगों से विवाद होने की बात पता चली है। वारदात के जुड़े फुटेज के आधार पर हत्यारे की तलाश में पुलिस की पांच टीमें लगाई गई थी। शाम को मुठभेड़ में हत्यारोपी सौरभ सचान को गिरफ्तार कर लिया गया। -रविंद्र कुमार, डीसीपी साउथ
चश्मदीद फल विक्रेता बोला- सोचा कि फटा है मोबाइल
हरिकरन की हत्या के दौरान पास ही फर्रुखाबाद निवासी फल विक्रेता सुभाष केले बेच रहा था। सुभाष ने बताया कि वारदात के समय हरिकरन फोन पर बात कर रहे थे। गोली की आवाज सुनकर वह सोचा कि मोबाइल फटा होगा। पलट कर देख हरिकरन खून से लथपथ जमीन पर पड़े थे। उसने अपनी जान बचाने के लिए मैंने खुद को टॉयलेट में कैद कर लिया था।
सिर की चार हड्डी टूटी और ज्यादा खून बहने से मौत
सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम में सामने आया है कि हरिकरन को गोली सटाकर मारी गई। इससे बाईं तरफ की कनपटी पर ब्लैकनिंग मिली है। गोली बाईं तरफ से सिर में घुसी और चार हड्डी तोड़ते हुए दायीं ओर से निकल गई है। अधिक खून बहन से हरिकरन की मौत की पुष्टि हुई है।
ये था पूरा मामला
कानपुर में नौबस्ता बाईपास चौराहे पर उस्मानपुर पुलिस चौकी के पास शुक्रवार को दिनदहाड़े सुबह साढ़े आठ बजे अवैध स्टैंड संचालक की कनपटी में गोली मारकर हत्या कर दी गई। 12 घंटे के अंदर रात आठ बजे पुलिस ने हत्यारोपी वैन चालक को दबोच लिया। गुरुवार को गाड़ी का नंबर लगाने व सवारियां बैठाने को लेकर स्टैंड संचालक और वैन चालक के बीच झगड़ा और मारपीट हुई थी।
रेस्टोरेंट में लगे कैमरे से हुई आरोपी की पहचान
पूरी घटना रेस्टोरेंट में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई। घटना की सूचना पाकर डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार, एसीपी नौबस्ता मंजय सिंह, नौबस्ता थाना प्रभारी जगदीश पांडेय फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए हत्यारे का फोटो दिखाया गया, तो आसपास के लोगों ने उसकी पहचान रेउना थानाक्षेत्र में रहने वाले वैन चालक सौरभ सचान के रूप में की।
पुलिस ने पैर में गोली मारी, हत्यारोपी गिरफ्तार
पुलिस ने हरिकरन के बेटे अमित की तहरीर पर सौरभ सचान व अन्य के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की। तमंचा बरामदगी के दौरान आरोपी ने फायरिंग कर भागने की कोशिश की, तो पुलिस ने पैर में गोली मारी। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद शाम को पुलिस ने हत्यारोपी को पकड़ लिया।