हसनगंज। महिला का आय-जाति प्रमाणपत्र का आवेदन दो बार निरस्त करने से नाराज एक अधिवक्ता की अपर मंडल आयुक्त की मौजूदगी में एसडीएम व तहसीलदार से नोकझोंक हुई। काफी देर बाद मामला शांत हुआ।
अपर मंडल आयुक्त नरेंद्र कुमार सिंह मंगलवार दोपहर 12 बजे तहसील का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने तहसीलदार व नायब तहसीलदार न्यायालय के अलावा आरके कक्ष में डंप फाइलें देखीं तो नाराजगी व्यक्त करते हुए पुरानी फाइलों को जल्द ही सुनवाई कर निस्तारित करने के निर्देश दिए। वह पांच घंटे तक एसडीएम कार्यालय में बैठकर फाइलों का मुआयना करते रहे।
इसी बीच अधिवक्ता मुनेश्वर रावत पहुंचे और एसडीएम कार्यालय के बाहर शोर मचाने लगे। बताया कि औरास क्षेत्र के खड़वल गांव की अमिका रावत का दो बार आय-जाति निवास प्रमाणपत्र का आवेदन लेखपाल ने निरस्त कर दिया। लेखपाल पांच हजार रुपये की मांग कर रहा है। शोर सुनकर एसडीएम रामदेव निषाद, न्यायिक एसडीएम शिवेंद्र वर्मा व तहसीलदार तरुण प्रताप सिंह बाहर आए और अधिवक्ता को समझाने का प्रयास करने लगे।
इस पर अधिवक्ता व अधिकारियों के बीच नोकझोंक होने लगी। मौके पर भीड़ बढ़ने लगी। यह देख एसडीएम व तहसीलदार ने फरियादियों को धक्का मारकर बाहर कर दिया। वहीं, बड़ा मरहा निवासी नीता, भरहा निवासी शिव प्यारी, अजगैन के भूपेंद्र सिंह व कुंजपुर के मेड़ीलाल सहित अन्य फरियादी बिना प्रार्थनापत्र देकर लौट गए। वहीं अन्य अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल अपर मंडल आयुक्त से मिला और तहसील की न्यायालयों में भ्रष्टाचार सहित 10 बिंदुओं का ज्ञापन देकर जांच की मांग की।