Unnao News: अजगैन स्थित एक नर्सिंगहोम में अधिक रक्तस्राव से प्रसूता की हालत बिगड़ गई थी। डॉक्टर ने इलाज शुरू किया, तो किडनी में दिक्कत हो गई। संचालक ने जच्चा-बच्चा को शहर के कब्बाखेड़ा स्थित निजी अस्पताल रेफर किया था।
गर्भवती का गलत ऑपरेशन करने से लखनऊ के निजी अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने शव लेकर अजगैन स्थित निजी अस्पताल के गेट पर रखकर हंगामा किया। मृतका के पति की तहरीर पर संचालक, ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर और स्टॉफ नर्स पर इलाज में लापरवाही से मौत की रिपोर्ट दर्ज की है। एसीएमओ ने नर्सिंगहोम को सील कर दिया है।
पुरवा कोतवाली के दलीगढ़ी मोहल्ला निवासी आमिर आलम की पत्नी नाजिनी (22) को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने सोमवार 12 अगस्त को अजगैन स्थित अजगैन मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने सामान्य प्रसव में दिक्कत बताते हुए ऑपरेशन किया था। बच्ची के जन्म के बाद अधिक रक्तस्राव से हालत बिगड़ी और रात 9:30 बजे डॉक्टर ने किडनी में समस्या बताते हुए दूसरा ऑपरेशन किया था। इसके बाद हालत और बिगड़ गई थी।
जच्चा-बच्चा को रेफर कर दिया गया था
संचालक ने जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस से शहर के कब्बाखेड़ा स्थित निजी अस्पताल भेजा था। इलाज और ऑपरेशन के नाम पर लगातार रुपये जमा कराने के बाद भी हालत में सुधार न होने पर परिजनों ने हंगामा किया। सदर कोतवाली पुलिस के हस्तक्षेप के बाद जच्चा-बच्चा को रेफर कर दिया गया। परिजनों ने उसे लखनऊ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
संचालक और स्टॉफ ताला लगाकर भाग गया
मृतका के मामा अकील ने बताया कि उन्नाव में अस्तपाल संचालकों ने खून, ऑपरेशन, इलाज और दवा के नाम पर अलग-अलग समय में 1.70 लाख रुपये जमा कराए, इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ था। बुधवार सुबह परिजन शव लेकर अजगैन मेडिकल सेंटर पहुंचे तो संचालक और स्टॉफ ताला लगाकर भाग गया। अजगैन कोतवाली प्रभारी अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि मृतका के पति आमिर की तहरीर पर ऑपरेशन करने वाले डॉ. आरबी वर्मा, अस्पताल संचालक मनोज वर्मा और स्टाफ नर्स अंजू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
एसीएमओ ने अस्पताल सील कर दिया
प्रसूता की मौत के बाद एसडीएम हसनगंज रामदेव निषाद ने सीएमओ डॉक्टर सत्यप्रकाश से बात की और जांच कराने को कहा। सीएमओ ने एसीएमओ डॉ. नरेंद्र सिंह और नवाबगंज सीएचसी प्रभारी डॉ. राजेश को जांच के लिए भेजा तो अस्पताल में ताला लटका मिला। एसीएमओ ने उसे सील कर दिया है।
मायके में ही घर बनाकर रह रही थी
अजगैन कोतवाली के बिरसिंघी मलेथा गांव निवासी जान मोहम्मद की बेटी नाजनी ने मायके में ही रहने के लिए अपना घर बनवाया था। यहीं वह पति और एक बच्चे के साथ रहती थी। गर्भवती होने के बाद देखरेख के लिए वह दलीगढ़ी जाकर रुकती थी।
फाइनल रिपोर्ट लगाने के बाद दी गई थी संचालन की अनुमति
अजगैन मेडिकल सेंटर में महिला की मौत का यह पहला मामला नहीं है। एक साल पहले हसनगंज क्षेत्र से प्रसव के लिए आई महिला और उसकी बच्ची की मौत हो गई थी। उस घटना में भी इस अस्पताल संचालक पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इसके बाद में सांठगांठ कर अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया। एसीएमओ डॉ. नरेंद्र सिंह ने बताया कि कोतवाली पुलिस की ओर से फाइनल रिपोर्ट लगाने के बाद अस्पताल संचालन की अनुमति दी गई थी।