अपने कर्मचारी का चिकित्सीय अवकाश स्वीकृत करने के लिए जिला मलेरिया अधिकारी को 10 हजार रुपये बतौर रिश्वत मांगना भारी पड़ गया। पीड़ित की शिकायत पर पहुंची लखनऊ विजिलेंस (सतर्कता अधिष्ठान) की टीम ने अधिकारी को रंगे हाथ दबोच लिया। जब तक मौजूद लोग कुछ समझ पाते टीम उन्हें गाड़ी में बैठाकर लखनऊ ले गई।
बता दें कि केके गुप्ता फाइलेरिया नियंत्रण इकाई में बायोलॉजिस्ट पद पर तैनात हैं। उन्होंने बीमारी के चलते जिला मलेरिया अधिकारी रमेशचंद्र यादव को चिकित्सीय अवकाश (मेडिकल लीव) स्वीकृत करने के लिए प्रार्थनापत्र दिया था। उसका आरोप है कि अवकाश स्वीकृत करने के लिए उससे जिला मलेरिया अधिकारी ने 10 हजार रुपये मांगे थे। जिसकी शिकायत केके गुप्ता ने लखनऊ सतर्कता अधिष्ठान के एसएसपी से की थी।
सोमवार दोपहर बाद विजिलेंस की टीम गोपनीय ढंग से जिला मलेरिया अधिकारी को रंगे हाथ दबोचने पहुंची। जैसे ही पीड़ित ने रमेश यादव को रुपये दिए टीम के सदस्यों ने उसे बेहद गोपनीय ढंग से रिकॉर्ड किया और जिला मलेरिया अधिकारी को दबोचकर अपने वाहन में बैठाकर लखनऊ ले गई। जिला मलेरिया अधिकारी के पकड़े जाने की सूचना मिलते ही उनके कार्यालय से लेकर स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया।
सीएमओ सहित अन्य अफसर घटना के विषय में अनभिज्ञ बने रहे। वहीं सतर्कता अधिष्ठान की ओर से एक प्रेसनोट जारी कर रमेश यादव को केके गुप्ता की शिकायत पर रंगे हाथ उनके कार्यालय से पकड़े जाने की पुष्टि की गई। बताया गया उनके विरुद्ध लखनऊ के विजिलेंस थाने में रिपोर्ट दर्ज की जा रही है।