अचलगंज (उन्नाव)। महिला यात्री के साथ लूट और ट्रेन से धक्का देने की वारदात में जीआरपी ने खेल कर दिया। रेलवे पुलिस लूट की वारदात ही डकार गई। 24 अक्तूबर को अचलगंज हाल्ट स्टेशन पर हुई घटना की एफआईआर में सिर्फ अंग-भंग करने की धारा शामिल की। वहीं, कल तक घटना से अनजान जीआरपी, खबर छपने के बाद पीड़िता का हालचाल लेने लखनऊ पहुंच गई। अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
रायबरेली जिले के चकसरेनी निवासी दिवंगत फौजी की पत्नी सुमन देवी (42) 24 अक्तूबर को रायबरेली-कानपुर पैसेंजर ट्रेन से अचलगंज के बेथर गांव स्थित मायके जा रही थीं। सुबह करीब 4:30 बजे अचलगंज हॉल्ट स्टेशन पर उतरने के दौरान ट्रेन के गेट पर खड़े लुटेरे ने उनके गले से सोने की चेन, एक बाली व पर्स छीन लिया था। इसके बाद धक्का दे दिया था। घायल होने के बाद भी सुमन ने साहस दिखाया और लुटेरे को पकड़ने के लिए जब तक आगे बढ़ीं, ट्रेन चल दी। गिरने से उनके दोनों हाथ ट्रेन की चपेट में आ गए। एक हाथ का पंजा घटनास्थल पर ही कट गया, जबकि दूसरे को ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को काटना पड़ा। पीड़िता के बेथर गांव निवासी भाई राहुल यादव ने उन्हें लखनऊ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। सोमवार को रिश्तेदार धर्मेंद्र घटना की तहरीर लेकर अचलगंज थाना पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने जीआरपी क्षेत्र का मामला बताकर टरका दिया था
मंगलवार को खबर प्रकाशित होने के बाद मंगलवार सुबह जीआरपी एसओ अरविंद पांडेय पीड़िता का हालचाल लेने लखनऊ के अस्पताल पहुंचे। आईसीयू में भर्ती होने और सिर में गहरी चोट होने से वह पीड़िता से नहीं मिल सकें लेकिन दावा किया कि भाई राहुल की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ बीएनएस की धारा 117 (3) में रिपोर्ट दर्ज की है। हालांकि भाई ने फोन पर बताया कि बहन सुमन के साथ लूट की वारदात हुई है। अब ऐसे में जीआरपी की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। जीआरपी एसओ ने बताया कि अभी धक्का देकर गिराने और हमेशा के लिए अंग-भंग अथवा दिव्यांग हो जाने की धारा में अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर धाराएं बढ़ाई जाएंगी।
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दो स्टेशन मास्टर की हो चुकी है हत्या
कभी गुलजार रहा अचलगंज रेलवे हाल्ट स्टेशन अव्यवस्था का शिकार है। यहां से सफर करने वालों की संख्या भी इक्का-दुक्का ही है। यहां शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है। यही नहीं स्टेशन मास्टर या कोई रेलवे कर्मचारी नहीं रहता। इससे यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। तीन दशक में यहां दो स्टेशन मास्टर सहित तीन लोगों की हत्या की घटना भी हो चुकी है। इससे अब कोई स्टेशन मास्टर यहां रुकने को तैयार नहीं है। टिकट वितरण भी ठेके पर किया जा रहा है। यहां रात की ट्रेनों के लिए कोई टिकट की व्यवस्था नहीं है।
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त्योहार पर ट्रेनों में भीड़, खुली सुरक्षा की पोल
दिवाली के चलते इन इन दिनों ट्रेनों में भीड़ है। रेलवे पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त और पुलिस कर्मियों को मुस्तैद रहने के निर्देश दे चुके हैं। इसके बाद भी इस तरह की घटना, रेलवे पुलिस की मुस्तैदी के दावों की पोल खोल रही है। जिस अचलगंज हॉल्ट पर 24 अक्तूबर को यह घटना हुई, वहां कोई भी रेलवे पुलिस, थाना पुलिस या सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं है। लगभग एक किलोमीटर पहले पुरवा रोड क्राॅसिंग पर एक गेट कीपर जरूर रहता है। घटना होने पर स्थानीय पुलिस अपना पल्ला झाड़ते हुए जीआरपी का क्षेत्र बताकर मामला टाल देती है, जैसा कि इस घटना के बाद हुआ।
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रायबरेली के रघुराज सिंह स्टेशन का लिया था टिकट
घटना की शिकार सुमन उर्फ मुन्नी देवी रायबरेली के चकसरेनी गांव की मूल निवासी हैं। वह कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाली बेटी सपना के यहां गई थीं। वह 22 अक्तूबर को कानपुर के लिए निकली थीं और 24 अक्तूबर की रात 12:30 बजे कानपुर स्टेशन पहुंचीं। यहां उन्होंने कानपुर सेंट्रल से रायबरेली रघुराज सिंह स्टेशन तक का टिकट लिया। रात 2:55 बजे कानपुर-रायबरेली पैसेंजर में बैठीं और सुबह करीब 4:30 बजे अचलगंज हाल्ट पहुंचीं। गंतव्य से तीन हाल्ट और तीन रेलवे स्टेशन पहले ही वह मायके बेथर जाने के लिए उतर रही थीं तभी उनके साथ घटना हो गई।