उन्नाव। जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को फसल में पीएसबी (फास्फोरस घोलक बैक्टीरिया) पाउडर का प्रयोग कर कम खर्च में अधिक उपज पाने की सलाह दी है। किसान यह पाउडर कृषि विभाग के साथ बीज दुकानों से मामूली कीमत में प्राप्त कर सकते हैं।
खेत में बेकार पड़े पिछले साल के फास्फोरस व नाइट्रोजन का किसान अगली फसल में भी उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों ने नई तकनीक पीएसबी खोजी है।
जिला कृषि अधिकारी शशांक चौधरी ने बताया कि पीएसबी विधि का प्रयोग कर किसान कम खर्च में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इससे किसानों को अच्छा फायदा होगा। बताया कि अधिक उत्पादन के लिए खेत में रसायनिक खाद डालने के लिए किसान परेशान रहते हैं।
हर वर्ष खेतोें में रसायनिक खादों की मात्रा बढ़ती जा रही है। इसे लेकर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान भले ही अधिक खाद डालते हैं लेकिन पौधे इस खाद को पूरी तरह अवशोषित नहीं कर पाते हैं। जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक, खाद में होने वाला फास्फोरस मिट्टी में फिक्स हो जाता है।
इससे यह फिर किसी फसल के लिए उपयोगी नहीं रहता। अगली फसल के लिए किसान फिर अधिक मात्रा में रसायनिक खाद का प्रयोग करते हैं। इससे खेती का खर्च बढ़ जाता है और ज्यादातर खाद बेकार चली जाती है।
इसके लिए वैज्ञानिकों ने पीएसबी पाउडर तैयार कराया है। यह पाउडर कृषि विभाग और बीज भंडारों पर किसानों को 50 रुपये में 100 ग्राम में मिल जाता है। बताया कि किसान बीज बुआई से पहले 200 ग्राम पानी में थोड़ा सा गुड़ डाल कर उबाल लें।
इसे ठंडा करने के बाद इसमें 200 ग्राम पीएसबी पाउडर को मिला दें। फिर इसको किसी भी बीज में मिलाकर खेत में बुआई कर दें। इससे ज्यादा डीएपी, यूरिया का प्रयोग नहीं करना पड़ेगा और कम खर्च में अच्छी फसल होगी।