Kanpur: देवकीनंदन बोले- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर भारत को देना चाहिए दखल

सनातन न्यास फाउंडेशन के बैनर तले सनातन संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में शहर व आसपास के क्षेत्रों से महामंडलेश्वर पहुंचे। महंत व संतों ने हिंदू एकता पर जोर दिया।

सनातन बोर्ड गठन के लिए शुक्रवार को संत समाज ने मोतीझील मैदान से हुंकार भरी। सनातन न्यास फाउंडेशन के बैनर तले सनातन संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें शहर व आसपास के क्षेत्रों से महामंडलेश्वर, महंत व संत पहुंचे। सभी ने हिंदू एकता पर जोर दिया।

Devkinandan said- India should intervene in the atrocities being committed against Hindus in Bangladesh

सम्मेलन में पिछले दिनों दिल्ली में हुई सनातन धर्म संसद में रखे गए तीन बिंदुओं पर चर्चा की गई। इनमें मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि अतिक्रमण मुक्ति कराने, सनातन बोर्ड का निर्माण और तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई। फाउंडेशन के अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि किसी भी देश में हिंदुओं के लिए बोलने वाले व्यक्ति का संबंध भारत के सौ करोड़ हिंदुओं से है। कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर भारत को दखल देना चाहिए। बांग्लादेश में चिन्मय कृष्णदास को गिरफ्तार किए जाने के मामले में कहा कि अगर सनातन बोर्ड होता तो हम उनकी आवाज उठा सकते थे। कहा कि इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र लिखा जाएगा।

महामंडलेश्वर उदितानंद महाराज ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हुई अमानवीय घटनाएं न केवल दुर्भाग्यपूर्ण हैं, बल्कि इनसे भारत के सनातन धर्मावलंबियों को सतर्क रहने की सीख लेनी चाहिए। महामंडलेश्वर ने तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मिलावट की घटना को सनातन परंपराओं पर हमला बताया। आनंद भारती ने कहा कि हिंदू समाज को अपने मतभेद भुलाकर एकजुट होना होगा। महामंडलेश्वर उदितानंद ने कहा कि हमारी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा तभी संभव है जब हम संगठित होकर विभाजनकारी ताकतों का सामना करें। महामंडलेश्वर अरुण पुरी,सभी को एकता के साथ धर्म और समाज की सेवा करनी चाहिए। इस मौके पर भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कटोगे तो बंटोगे की तरह हिंदुओं की घटती आबादी पर घटोगे तो भी कटोगे का नया नारा दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जगतगुरु मुनीषा आश्रम ने की।

इन संतों ने भी विचार रखे

साध्वी वैदिक शरण, साध्वी शतरूपा, स्वामी रामानंद, स्वामी चंद्रानंद, स्वामी मयंक दास, महामंडलेश्वर कृष्ण दास, मधुर महाराज, महामंडलेश्वर गोविंद दास, महामंडलेश्वर देवाचरण देवाचार्य, देवशरण दास महाराज ने भी विचार रखे।

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