
उन्नाव। प्रधानमंत्री आवास योजना से घर मिलने का इंतजार कर रहे शहर के बेघर परिवारों को छह साल बाद अपनी छत मिलने की उम्मीद नजर आई है। केंद्र में भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल वर्ष 2018 में स्वीकृत हुई 720 घर बनाने की योजना अब तीसरे कार्यकाल में भी पूरी होगी। उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण इसमें तेजी से काम करा रहा है।
उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण (यूएसडीए) को वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 720 आवासों की कॉलोनी बनाने का लक्ष्य दिया गया था। 33 करोड़ रुपये की योजना के लिए उसी साल 7.20 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी हुई। शहर की कांशीराम कालोनी के पास आवासों का निर्माण शुरू हुआ, लेकिन बजट की कमी से छह महीने में ही काम रुक गया।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले मार्च 2021 में 3.2 करोड़ रुपये और नवंबर 2022 में 11.48 करोड़ रुपये और मिले तो काम में तेजी आई। लेकिन चिह्नित जमीन के कुछ हिस्से में विवाद के चलते दो ब्लॉकों काम रुक गया था। बजट में देरी और अन्य अड़चनों के चलते जिस आवास योजना को मार्च 2020 तक पूरा होना था वह वह अब तक अधूरी है। प्राधिकरण ने शासन से बकाया चार करोड़ रुपये और मांगे हैं।
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आवेदकों ने नहीं जमा कीं किस्तें, नोटिस
योजना में 720 आवासों के सापेक्ष 1112 लोगों ने आवेदन किया था। यूएसडीए ने फरवरी 2020 में लाटरी प्रक्रिया से आवास आवंटित किए। आवेदकों के अभिलेख जमा कराने के बाद आवास पोर्टल पर अपलोड किया गया। लेकिन कई साल से इंतजार से परेशान आवेदकों ने बाद में किस्तें जमा करनी बंद कर दीं। 720 में से 470 आवेदकों ने किस्तें नहीं जमा कीं हैं। इनमें ज्यादातर ने पांच हजार रुपये देकर पंजीकरण कराने के बाद भूल गए। यूएसडीए ने ऐसे सभी आवेदकों को नोटिस जारी किए हैं। इसके बाद भी प्रक्रिया पूरी न करने वालों का पंजीकरण निरस्त करके उनका नाम हटाकर दूसरे जरूरतमंदों से आवेदन लिए जाएंगे।
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बोले लाभार्थी
बंदूहार में किराये पर रहने वाली सीमा शर्मा ने बताया कि वह दो हजार रुपये महीने पर कमरा लिए हैं। अगर आवास बनाने में एक साल भी लगता तो कम से कम पांच साल पहले घर मिल जाता। अब तक एक लाख रुपये से ज्यादा किराया दे चुके हैं।
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पुरानी बाजार की नाज बेगम ने बताया कि कई साल बाद भी घर नहीं मिलने से उन्होंने किस्तें जमा करने में लापरवाही कर दी। जो बचत होती है वह वह कमरे का किराया चुकाने में चली जाती है। घर मिल गया होता तो यह रुपये किस्ते में चले जाते।
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प्रधानमंत्री आवास योजना के बाकी बचे काम को तेजी से पूरा कराया जा रहा है। बिजली और जलापूर्ति के लिए भी डीपीआर भेज दी गई है। जिन लोगों ने किस्तें नहीं जमा की हैं, उन्हें नोटिस देकर जमा करने को कहा जा रहा है। इसके बाद भी नहीं आए तो पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। प्रयास किया जा रहा है कि अप्रैल तक लाभार्थियों को उनके घर की चाभी सौंप दी जाए।
– शुभम सिंह, एसडीएम/सचिव यूएसडीए
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योजना पर एक नजर
– एक आवास की कीमत- 4.50 लाख रुपये
– केंद्र सरकार का अनुदान- 1.50 लाख रुपये
– प्रदेश सरकार का अनुदान- एक लाख रुपये
– बाकी दो लाख रुपये लाभार्थी को देने हैं
– पांच हजार रुपये आवेदन फार्म के साथ
– आवंटन प्रमाण पत्र के समय 45 हजार रुपये
– बाकी 1.50 लाख रुपये छह किस्तों में भुगतान