
उन्नाव। दंपती सहित पांच बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को यहां कई और बांग्लादेशी घुसपैठियों के होने का शक है। सोमवार को बांग्लादेशी दंपती सहित पांच को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद पुलिस ने यूपी एसटीएफ को भी भेजी है। एसपी ने बताया कि जिन दो संदिग्धों की तलाश है उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अनुमान है कि उनसे मिली जानकारी पर बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है।
एक व्यापारी को दो लाख रुपये के बदले तीन लाख रुपये की सऊदी अरब की मुद्रा (रियाल) देने का झांसा देकर हुई ठगी की घटना की जांच के दौरान पुलिस ने सोमवार को सदर कोतवाली के मोहल्ला गदनखेड़ा में कबाड़ का काम करने वाले एक दंपती सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच में सभी के बांग्लादेशी होने की पुष्टि हुई थी। एसपी दीपक भूकर के अनुसार अभी तक की जांच में सामने आया है कि है कि यह सभी करीब छह साल पहले पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे।
गिरोह का सरगना अब्दुल जलील दिल्ली व अन्य शहरों में चोरी छिपे रहने के बाद मथुरा जिले से निवास प्रमाणपत्र बनवा लिया और बाद में अन्य लोगों को बुला लिया और धोखाधड़ी करके यहीं के निवास प्रमाण पत्र बनवा लिए। मुख्य आरोपी जलील को गिरफ्तार करने के बाद पश्चिम बंगाल के जिला उत्तर के थाना जीवनतला के काली कतला गांव के निवासी मासूम मुल्ला, मथुरा के कोदवन गांव निवासी मिंटू व उसकी पत्नी हमीदा और मथुरा के रघुवीर बिहार कॉलोनी निवासी अफरोजा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। एसपी ने बताया कि दो और व्यक्तियों के शहर के आसपास होने का सुराग मिला है। उनकी तलाश की जा रही है। बताया कि इन दोनों के पकड़े जाने के बाद बड़े रैकेट का खुलासा भी हो सकता है। फिलहाल इसकी रिपोर्ट यूपी एसटीएफ को भी भेजी गई है, एसटीएफ ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू की है।
फोरेंसिंग लैब की रिपोर्ट का इंतजारपांच बांग्लादेशियों के पास से मिले 16 मोबाइल, भारतीय व बांग्लादेशी सिम को पुलिस ने जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजे हैं। मोबाइल का पूरा कॉल डेटा, व्हाट्सएप चैट व अन्य एप के माध्यम से हुई बातचीत व संदेशों का पूरा ब्योरा निकलवाया जा रहा है। पुलिस फोरेंसिंग लैब की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। हालांकि पुलिस का मानना है कि इसमें कुछ वक्त लग सकता है।