
उन्नाव/पाटन। लोक निर्माण विभाग के अफसरों की लापरवाही के कारण ठेकेदार ने सड़क निर्माण में जमकर मनमानी की। 24 करोड़ से बनाया गया बिहार-बक्सर मार्ग पांच महीने में ही 17 स्थानों पर उखड़ गया। गड्ढों के कारण हादसे का भी अंदेशा है।
बिहार-बक्सर मार्ग की कुल लंबाई 23 किलोमीटर है। भारी व हल्के वाहनों के आवागमन को सुलभ बनाने के लिए अक्तूबर-2024 में मार्ग पर डामर की परत बिछाकर नवीनीकरण किया गया था। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड है। इस पर करीब 24 करोड़ खर्च किए गए थे। निर्माण हुए अभी पांच माह ही हुए हैं लेकिन कई स्थानों में सड़क पर गड्ढे हो गए हैं। मानकों की अनदेखी से 17 स्थानों पर लंबी दूरी तक नई परत उखड़ गई है। कई स्थानों पर परत में दरारें आ गईं हैं। ऐसे स्थानों पर तीन से छह इंच तक के गड्ढे हो गए हैं। विभागीय जिम्मेदारों के आंख बंद रखने से ठेकेदार ने जमकर मनमानी की।
इसी कारण करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी सड़क छह महीने नहीं चल सकी। अब इन गड्ढों से बचने के चक्कर में दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ गई हैं। क्षेत्र के आशू जायसवाल, राजकुमार सिंह, राजेश, राजेंद्र आदि का कहना है कि विभाग में कमीशन का तगड़ा खेल चलता है। इसी कारण अधिकारी निर्माण पर ध्यान नहीं देते हैं। इसके चलते ठेकेदार भी नियमों को ताक पर रखकर काम करते हैं। लोगों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कराए जाने की मांग की है।
कई जनपदों के लिए होता आवागमन
बिहार-बक्सर काफी व्यस्त मार्ग है। इस मार्ग का से वाहन सवार बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, लखनऊ, रायबरेली आदि जनपदों का आवागमन करते हैं। राजधानी लखनऊ को जोड़ने वाले इस मार्ग पर प्रतिदिन करीब एक हजार से अधिक भारी वाहन और हजारों दोपहिया व चार पहिया वाहन आते जाते हैं। सड़क टूटने से वाहन चालकों को आवागमन में असुविधा हो रही है।
बिहार-मौरावां मार्ग क्षतिग्रस्त, आवागमन में परेशानी
पाटन। बिहार-मौरावां मार्ग की हालत खराब होती जा रही है। सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे होने के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भारी संख्या में वाहनों की आवाजाही के कारण बिहार-मौरावां मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। क्षेत्र के जय सिंह, ऋषि, राजकुमार आदि लोगों का कहना है कि गड्ढों की वजह से दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ रहा है। दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस सड़क की बदहाल स्थिति को लेकर जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं। यदि समय रहते मरम्मत कार्य नहीं कराया गया तो इस मार्ग से आवागमन और अधिक खतरनाक हो सकता है। (संवाद)
बिहार-बक्सर मार्ग के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी नहीं है। यह मार्ग अभी अनुरक्षण अवधि में है। इसलिए जानकारी कराकर ठेकेदार से दोबारा मरम्मत कराई जाएगी। इसके अलावा बिहार-मौरावां मार्ग का प्रस्ताव तैयार कराकर शासन से बजट की मांग की जाएगी। बजट मिलते ही निर्माण कराया जाएगा।