ऊधमसिंह नगर की पुलिस ने सोमवार तड़के फतेहगंज पश्चिमी में दबिश दी। आरोप है कि पुलिस ने महिलाओं से अभद्रता की। घरों के दरवाजे भी तोड़ डाले।

बरेली का फतेहगंज पश्चिमी कस्बा यूं तो स्मैक तस्करी और तस्करों के लिए चर्चित है, लेकिन अधिकांश तस्करों ने अपने ठिकाने दूसरे शहरों में बना लिए हैं। यही वजह रही जिन नामी तस्करों की तलाश में ऊधमसिंह नगर पुलिस ने सोमवार तड़के दबिश दी थी, वे हाथ नहीं आए। वहीं पुलिस पर दरवाजे तोड़ने और महिलाओं से बदसलूकी के आरोप लगे। इस दौरान छत से कूदने से एक युवक का पैर टूट गया।
कस्बे की नगर पंचायत अध्यक्ष इमराना बेगम का पति शाहिद उर्फ कल्लू डॉन इलाके का पुराना तस्कर रहा है। उस पर पिट एनडीपीएस लगाकर एक साल के लिए जेल में निरुद्ध किया गया था, लेकिन अवधि से पहले ही उसे जमानत मिल गई। वह काफी समय से जेल से बाहर है और अक्सर कस्बे में दिखाई देता है। करीबी लोग जानते हैं कि वह रात में अक्सर कस्बा छोड़ देता है और बरेली व अन्य ठिकानों पर रात गुजारता है। यही वजह रही कि ऊधम सिंह नगर पुलिस ने सबसे पहले कल्लू के घर पर ही धावा बोला।
कल्लू घर में नहीं मिला और चेयरमैन इमराना बेगम से टीम का सामना हुआ। इमराना बेगम ने कल्लू के काफी समय से घर न होने की बात कही तो पुलिस को जाना पड़ा। हालांकि पुलिस घर के सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर निकाल ले गई। इसी तरह स्मैक तस्कर रिफाकत जेल में है तो उस्मान समेत कई तस्कर दूसरे शहरों से नेटवर्क चला रहे हैं इसलिए वह भी अपने घरों पर नहीं मिले। रिफाकत के दरवाजे को काफी देर तक नहीं खोला गया तो पुलिस ने उसे तोड़ दिया। वहीं एक युवक पुलिस को देखकर भागा तो उसका पैर टूट गया। स्थानीय स्तर पर ही उसका उपचार किया जा रहा है।
भीड़ होने लगी तो चौकी प्रभारी को बुलाया, मोबाइल रखवा लिए
ऊधमसिंह नगर के अधिकारी एक-दो लोगों को साथ लेकर आए थे जो गाड़ी में बैठकर ही पुलिस को कार्रवाई के लिए इनपुट दे रहे थे। जब काफी देर तक पुलिस को ढंग का आरोपी नहीं मिला तो अफसरों की नाराजगी बढ़ने लगी। इससे टीम का रवैया आक्रामक होने लगा तो दूसरी ओर सहरी का वक्त होने की वजह से जागे हुए लोगों की भीड़ बढ़ने लगी।
युवा भागे तो टीम के आसपास महिलाएं और बुजुर्ग जुटने लगे। ऐसे में खतरा भांपकर पुलिस ने फतेहगंज पश्चिमी कस्बा चौकी के प्रभारी बलवीर सिंह को बुलाया। बलवीर सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे तो उत्तराखंड पुलिस ने गोपनीय अभियान का हवाला देकर पुलिसकर्मियों के मोबाइल रखवा लिए जो जाते समय उन्हें सौंपे गए। सुबह चार बजे करीब चौकी पुलिस की ओर से अधिकारियों को जानकारी दी गई।
बरेली पुलिस ने डीजीपी और सीएम दफ्तर को दी जानकारी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के अभियान को गति देने के लिए ऊधम सिंह नगर पुलिस की यह कार्रवाई बरेली पुलिस प्रशासन को अखरी है। बिना सूचना दिए की गई कार्रवाई और उसमें भी कोई बड़ी उपलब्धि न होने को लेकर बरेली पुलिस की ओर से सीएम कार्यालय व डीजीपी को जानकारी दी गई है। इस बात पर भी हैरत जताई है कि रमजान के दिनों में सहरी के वक्त की कार्रवाई से जनाक्रोश भड़क जाता तो होली व ईद के त्योहार कराने में दिक्कत आ सकती है।