UP: दरोगा भर्ती के अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, अभ्यर्थन निरस्त करने का आदेश रद्द, यूपी सरकार को झटका

Allahabad High Court : दरोगा भर्ती 2021 की भर्ती प्रक्रिया से बाहर किए गए अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अभ्यर्थन निरस्त करने के सरकार के आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द करते हुए बाहर किए गए अभ्यर्थियों की भर्ती संबंधित प्रक्रिया तो तीन माह में पूरा करने का परमादेश जारी किया है। 
relief to candidates of sub-inspector recruitment from the High Court, order to cancel the candidature

इलाहाबाद हाईकोर्ट।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दरोगा भर्ती 2021 से बाहर हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों को राहत देते हुए उनकी याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है। राज्य सरकार के उस आदेश को कोर्ट ने रद्द कर दिया है जिसमें याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को विभिन्न कारणों से भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने तीन माह के भीतर बाहर किए गए अभ्यर्थियों की भर्ती की समस्त प्रक्रिया को पूरी करने का परमादेश जारी किया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यह आदेश उन अभ्यर्थियों पर भी लागू होगा जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका नहीं दाखिल की थी लेकिन उनका मामला याचिकाकर्ताओं के समान है। हाईकोर्ट के इस आदेश से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है।

याचिका प्रयागराज, फतेहपुर, गौतमबुद्धनगर, वाराणसी, मिर्जापुर सहित मेरठ, बरेली, फिरोजाबाद, आगरा, गोरखपुर, गाजियाबाद, कानपुर नगर, मुजफ्फरनगर, झांसी, बस्ती और अलीगढ़ जनपदों के सैकड़ों दरोगा भर्ती के अभ्यर्थियों ने दाखिल की थी। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने याचीगणों के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी, वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम को सुनकर पारित किया। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मैंडेमस जारी करते हुए निर्देशित किया है कि भर्ती की समस्त प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी कराएं।

सरकार के आदेश को अभ्यर्थियों ने दी थी चुनौती

दरोगा भर्ती प्रक्रिया से बाहर किए गए अभ्यर्थियों ने सरकार के आदेश के खिलाफ कई समूह में इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनका कहना था कि उन्हें शारीरिक मानक परीक्षा एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा में पुनः बैठने की अनुमति प्रदान की जाए और दरोगाओं के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाए। कुछ याचिकाओं में अभ्यर्थी निरस्तीकरण के आदेश को चुनौती दी गई थी। मामले के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ द्वारा 9027 पुलिस उपनिरीक्षकों के पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन दिनांक 24 फरवरी 2021 को निकाला गया था। चयन प्रक्रिया में ऑनलाइन लिखित परीक्षा, अभिलेखों की संवीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा तथा चिकित्सा परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य था। सभी याचीगणों ने ऑनलाइन लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी एवं सभी के ऑनलाइन लिखित परीक्षा में कट ऑफ मेरिट से ज्यादा नंबर मिले थे।

सैकड़ों अभ्यर्थियों पर दर्ज कराई गई एफआईआर, भेजे गए जेल

इस चयन प्रकिया में अभिलेखों की संवीक्षा और शारीरिक मानक परीक्षा तथा शारीरिक दक्षता परीक्षा के समय सैकड़ों दरोगा के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को भर्ती केंद्र से ही एफआईआर सात मई 2022 को अन्तर्गत धारा 420, 120बी0 आईपीसी व 9/10 उ०प्र० सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम-1998 व 66 डी आईटी एक्ट, थाना महानगर जनपद लखनऊ में दर्ज कराने के बाद गैर कानूनी तरीके से जेल भेज दिया गया था। दरोगा पद के अभ्यर्थियों को शारीरिक मानक परीक्षा एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा में भाग नहीं लेने दिया गया। कई अभ्यर्थी भर्ती केंद्र से ही जेल जाने के डर की वजह से बगैर शारीरिक मानक परीक्षा एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा दिए ही अपने-अपने घर वापस चले गए।

याचियों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं का कहना था कि उक्त दरोगा पद की भर्ती प्रक्रिया राज्य सरकार द्वारा सभी नियम एवं कानून को ताक पर रख की गयी है। दरोगा पद के अभ्यर्थियों को नियम एवं कानून के विरुद्ध शारीरिक मानक परीक्षा एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा के परीक्षा केंद्र से ही जेल भेज दिया गया। याचियों के ऊपर जो आरोप लगाये गए हैं, उसके संबंध में कोई भी जांच पूरी नहीं कराई गई। याचियों को कोई सुनवाई का अवसर नहीं प्रदान किया गया और नियम एवं कानून के विरुद्ध उनको शारीरिक मानक परीक्षा एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया था

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