श्रद्धालु घर बैठे कहीं से भी बनारस के प्रमुख मंदिरों में पूजन करा सकेंगे। बड़ी शीतला मंदिर के महंत परिवार ने इसकी शुरुआत की है। पहली बार जीवित्पुत्रिका व्रत पर 14 सितंबर को मां संतान लक्ष्मी के पूजन से इसकी शुरुआत की जाएगी।

देश में पहली बार काशी से छह मंदिरों में निशुल्क ऑनलाइन पूजन की शुरुआत होने जा रही है। श्रद्धालु घर बैठे कहीं से भी बनारस के प्रमुख मंदिरों में पूजन करा सकेंगे। बड़ी शीतला मंदिर के महंत परिवार ने इसकी शुरुआत की है। पहली बार जीवित्पुत्रिका व्रत पर 14 सितंबर को मां संतान लक्ष्मी के पूजन से इसकी शुरुआत की जाएगी।
श्रद्धालुओं को महालक्ष्मी, बाबा कालभैरव, गौरीकेदारेश्वर, लोलार्केश्वर महादेव, बड़ी शीतला और अन्नपूर्णा मंदिर में इस सुविधा का लाभ मिलेगा। शीतला मंदिर के महंत पं. शिवप्रसाद पांडेय लिंगिया महाराज की प्रेरणा से उनके पुत्र पं. अवशेष पांडेय कल्लू महाराज ने इसकी शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार की कालभैरव मंदिर में महीने में चार बार, अन्नपूर्णा मंदिर में तीन से चार बार, बड़ी शीतला मंदिर, गौरीकेदारेश्वर और महालक्ष्मी मंदिर में वर्ष भर पारी रहती है।
उन्होंने श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए ऑनलाइन निशुल्क पूजन की शुरुआत की है। इसमें देश-विदेश से कोई भी श्रद्धालु अपनी सुविधा के अनुसार पूजन करा सकेंगे। काशी के छह प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं के परिवार की सुख-समृद्धि और शांति के लिए नाम व गोत्र के साथ ऑनलाइन पूजन कराया जाएगा। इसका कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। बाहर के श्रद्धालुओं को प्रसाद और पूजन का वीडियो कूरियर के जरिये भेजा जाएगा। वहीं स्थानीय श्रद्धालुओं को मंदिर में बुलाकर प्रसाद और पूजन का वीडियो दिया जाएगा। इसकी शुरुआत सोरहिया मेले में मां संतान लक्ष्मी के ऑनलाइन पूजन से 14 सितंबर को होगी।
मोबाइल के जरिये करा सकेंगे बुकिंग
पं. अवशेष पांडेय ने बताया कि श्रद्धालुओं की ऑनलाइन पूजा की बुकिंग के लिए मोबाइल नंबर 7459016660 जारी किया गया है। इस पर श्रद्धालु अपना नाम, गोत्र का नाम और स्थान का पता भेज कर निशुल्क ऑनलाइन पूजन की बुकिंग करा सकेंगे। पूजन और पंजीकरण की निगरानी महंत परिवार द्वारा की जाएगी।
छह मंदिरों में नियुक्त किए गए हैं 24 पुजारी
निशुल्क ऑनलाइन पूजन के लिए महालक्ष्मी, बाबा कालभैरव, गौरीकेदारेश्वर, लोलार्केश्वर महादेव, बड़ी शीतला और अन्नपूर्णा मंदिर में 24 पुजारियों की नियुक्ति की गई है। हर मंदिर में चार पुजारी ऑनलाइन पूजन कराएंगे।