Kanpur Blast: हड़बड़ाहट में धुलवा दिए बारूद के निशान, घायलों के शरीर में चिपके थे लोहे के तार, कंकड़ और बारूद

Kanpur News: बिसातखाना धमाके के बाद पुलिस के कहने पर दमकलकर्मियों ने घटनास्थल पर तेज पानी का छिड़काव कर दिया, जिससे बारूद के अहम विस्फोटक साक्ष्य धुल गए। इस लापरवाही के बाद पानी से बिजली के पोल में करंट भी उतर आया था।

Kanpur Blast Traces of gunpowder hastily washed away iron wire, pebbles were found stuck to bodies of injured

kanpur blast

कानपुर के बिसातखाना में बुधवार शाम हुए धमाके के बाद पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रत्यक्षदर्शियों में रहमान, तुफैल, जाबिर ने बताया कि धमाके के बाद चारों ओर धूल और धुएं का गुबार छा गया। इस दौरान चपेट में आए घायल जलने से मौके पर तड़पने लगे। चंद कदम की दूरी स्थित थाना पुलिस मिनटों में मौके पर पहुंच गई। घायलों को उर्सला अस्पताल भेजा गया। इस दौरान पुलिसकर्मियों की सूचना पर लाटूश रोड फायर स्टेशन से दमकलकर्मी पहुंचे।

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उन लोगों के अनुसार हालात सामान्य होने और आलाधिकारियों के आने तक का इंतजार नहीं किया गया। पुलिस के कहने पर दमकलकर्मियों ने फायर ब्रिगेड से घटनास्थल पर तेज प्रेशर से पानी का छिड़काव कर दिया। इससे धमाके के बाद जो बारूद के कण आसपास तक फैले वह सब मिटकर धुल गए। इतनी बड़ी लापरवाही के कारण एटीएस, क्राइम ब्रांच समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों को कुछ हाथ नहीं लगा।

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पानी के बौछार से उतरा करंट
दमकल कर्मियों के पानी के छिड़काव करने के बाद वहां पूरी सड़क गीली हो गई। घटनास्थल के पास लगे बिजली के पोल में करंट उतर आया। बुधवार देर रात उसमें एक कुत्ता भी चिपक गया था। कोई अनहोनी और न हो इसलिए क्षेत्रीय लोगों ने लकड़ी के पटरे आदि लगाकर लोगों को सचेत किया।

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बिसातखाना धमाके में पीड़ितों ने सुनाई आपबीती
मूलगंज थाना क्षेत्र के बिसातखाना में बुधवार को सब कुछ आम दिनों सा सामान्य था। शाम का समय था इसलिए दुकानों में भीड़ नहीं थी, कुछ ही ग्राहक थे जो सामान लेकर निकल रहे थे। बाजार में दुकानदार उनके सहायक मौजूद थे। मुख्य सड़क से अंदर की ओर कुछ लोग आ जा रहे थे। कोई दुकान बंद करने की तैयारी कर रहा था तो कोई अपना सामान जल्दी पैक करने के लिए कह रहा था, ताकि घर समय से जा सकें और अचानक तेज धमाका हो गया। कानों में सीटी की आवाज और आंखों के सामने अंधेरा छा गया।

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घिसटते हुए दुकान तक गया और बेहोश हो गया
कुछ ही सेकेंड के बाद चीखपुकार की आवाजें हल्की-हल्की कानों में जानें लगीं। उस धमाके में मैं उछलकर दूर जा गिरा। इसमें पैर, हाथ, पीठ की खाल निकल गई और शरीर से खून बहने लगा। घिसटते हुए दुकान तक गया और वहां जाकर बेहोश हो गया…. यह आपबीती पीड़ित मो. मुर्सलीन की है। उर्सला में भर्ती मेस्टन रोड निवासी मो. मुर्सलीन ने बताया कि वह बेल्ट की दुकान में काम करते हैं। दुकान के किसी काम से गए थे और वापस लाैटते समय धमाके में घायल हो गए।

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दुकान में बैठा था आगे, धमाके से शरीर पड़ गया सुन्न
बिसातखाना में ही बेल्ट की दुकान पर काम करने वाले जुबिन ने बताया कि साढ़े सात बजे ग्राहक कोई नहीं था। मैं आगे की ओर बैठा था अचानक तेज धमाका हुआ और चारों ओर अंधेरा छा गया। पूरा शरीर सुन्न पड़ गया। कुछ देर बाद लोगों के चीखने की आवाजें सुनाई दीं। फिर मुझे अस्पताल लाया गया। अब हालत थोड़ी ठीक है। जुबिन की मां जहां आरा ने बताया कि जुबिन ही घर का कमाने वाला है।

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पूरी तरह रिकवर होने में 15 से 20 दिन लगेंगे
पति नहीं है और एक बेटी भी है। उन्हें खुद भी फालिज का अटैक पड़ चुका है और वह अधिकतर बीमार रहती हैं और कोई काम नहीं कर पाती हैं। वहीं, उर्सला निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल ने बताया कि जुबिन का चेहरा जला हुआ है और हाथ-पैर में जख्म हैं। दो से तीन दिन में ठीक हो जाएगा। अस्पताल में भर्ती मुर्सलीन की हालत में भी अब सुधार है वह भी दो से तीन दिन में ठीक हो जाएगा। पूरी तरह रिकवर होकर काम पर वापस लौटने में अभी 15 से 20 दिन लगेंगे।

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बाल-बाल बचे फरमान और रियाज
उर्सला में भर्ती जुबिन के साथ काम करने वाले मो. फरमान और रियाज महमूद भी हादसे में बाल-बाल बचे। दोनों गुरुवार को उर्सला जुबिन को देखने पहुंचे तो बताया कि वह भी उसी के साथ एक ही दुकान पर काम करते हैं। हादसे के वक्त वह दोनों लघुशंका के लिए निकले थे और आधी दूर ही पहुंचे थे कि तेज आवाज सुनाई दी। काफी देर तक सहमे रहे।

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kanpur blast – फोटो

लखनऊ में भर्ती घायल अब खतरे से बाहर
हादसे में गंभीर घायलों को लखनऊ केजीएमयू में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं। अभी एक सप्ताह तक उन्हें भर्ती रखकर इलाज किया जाएगा। पूरी तरह रिकवर होने में एक महीना लगेगा।

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घायलों के शरीर में चिपके थे लोहे के तार, कंकड़ और बारूद
हादसे के बाद घायलों को उर्सला लाया गया, तो उनके शरीर पर लोहे के तार के टुकड़े चिपके मिले। स्टाफ से मिली जानकारी के अनुसार, शरीर पर तार ही नहीं बल्कि कंकड़ भी चिपके हुए थे और खाल तो परत की तरह उखड़ती चली गई। कुछ लोगों के तो मांस के टुकड़े जैसे बाहर निकले हुए थे और चीखते हुए घायल अस्पताल आए, तो बाकी रोगी भी सहम गए। आनन फानन में निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल ने सभी डॉक्टरों को बुलाया और इलाज शुरू कराया।

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